ये सवाल एक तीन साल के यूक्रेनियाई बच्चे डीमा का है। वो रोते हुए बार-बार अस्पताल के लोगों से एक ही बात पूछता है। डीमा रूसी बमबारी में बुरी तरह जख्मी हो गया था। ऑपरेशन के बाद फिलहाल वो अस्पताल के बेड पर है। वहीं उसके पिता का अस्पताल के दूसरे हिस्से में इलाज चल रहा है। डीमा और उसके पिता दोनों ही मारियुपोल गोलाबारी में घायल हुए थे।
घायल बाप-बेटे को रेस्क्यू कर अस्पताल लाने में लग गए कई दिन
डीमा और उसके पिता के बारे में बात करते हुए एनेस्थेसियोलॉजिस्ट ओलेना प्लेवेंकिना बताती हैं- 19 मार्च को बाप-बेटा दोनों ही जख्मी हुए थे। उन दोनों के उनके शहर से निकालकर ज़ापोरीज्ज्या के अस्पताल में लाने में कई दिन लग गए। डीमा अपने पिता के लिए लगातार रो रहा और सवाल कर रहा है कि वो कहां हैं और कब आएंगे। एक नर्स उसे संभालते हुए समझाती है कि उसके पिता रास्ते में हैं। बस आने वाले ही है। डीमा को नहीं पता कि उसके पिता का भी इलाज चल रहा है।
मारियुपोल पर एक महीने से अधिक समय से बम बरसा रहे रूसी
रूसी सैनिक एक महीने से अधिक समय से मारियुपोल पर बमबारी कर रहे हैं। ये शहर यूक्रेन की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरूरी है। ये बात रूस भी अच्छे से जानता है। शायद इस वजह से ही युद्ध शुरू होने के साथ ही रूस इस शहर को निशाना बनाए हुए है। यूएन का मानना है कि हजारों लोग मारे गए हैं। शहर के मेयर के प्रवक्ता का दावा है कि 200 से अधिक बच्चों सहित लगभग 5,000 लोग मारे गए हैं।
रूसी सैनिक बच्चों को ह्यूमन शील्ड की तरह कर रहे इस्तेमाल
इसी बीच यूक्रेन के एक बड़े अधिकारी ने रूसी सेना पर बच्चों को ह्यूमन शील्ड (ढाल) की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। तुर्की में चौथे दौर की बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच ये तय हुआ कि रूस कीव में हमले कम करेगा। इसके बाद रूसी सैनिकों को पीछे हटते देखा गया। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल ऑलेक्जेंडर मोटुज्यानिक ने कहा- दुश्मन अपने काफिले, अपने वाहनों को ले जाते समय यूक्रेनी बच्चों को ह्यूमन शील्ड के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। यही नहीं रूसी सैनिकों पर महिलाओं से दरिंदगी और रेप का आरोप भी लग चुका है।
रूस पर 2,500 यूक्रेनी बच्चों को किडनैप करके अपने देश भेजने का आरोप
इससे पहले यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन पर डोनबास के डोनेट्स्क और लुहान्स्क से लगभग 2,500 यूक्रेनी बच्चों को किडनैप करके रूस भेजने का आरोप लगाया था। वहीं UNICEF ने दावा किया है कि अब तक 15 लाख यूक्रेनी बच्चे बेघर हुए हैं। हर सेकेंड में 1 बच्चा रिफ्यूजी बनने को मजबूर है