यूपी अफसर की कारगुजारी, सरकारी निर्देश नहीं मानते बलिया के डीएम और एसपी
माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, परीक्षा खत्म होने से पहले प्रश्नपत्र या हल कॉपी को किसी माध्यम से प्रसारित करना उप्र सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-1998 की धारा-4/10 के तहत दंडनीय अपराध है। लेकिन, ऐसे कृत्य की सूचना जनहित में अपर मुख्य सचिव, डीएम-एसपी, जिला विद्यालय निरीक्षक समेत अन्य अफसरों को देने पर यह धारा लागू नहीं होगी। डीएम इंद्रविक्रम सिंह और तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक बृजेश मिश्र को कार्रवाई के लिए भेजे व्हाट्सएप संदेश। सिंह ने तो खुद फोन कर मांगे थे वायरल पर्चे। फिर भी संस्कृत का प्रश्नपत्र लीक होने की सूचना सरकार को नहीं दी। जाहिर है, नकल माफिया को मिला इसका लाभ। प्रिंसिपल और स्कूल मैनेजर कई बार गिरफ्तार हुए 38 कॉपियां, 6 साॅल्वर पकड़े प्रिंसिपल व 4 सॉल्वर गिरफ्तारबलिया में तो हर साल होते हैं पेपर आउट…सामूहिक नकल आम बात
मंत्री दयाशंकर बोले-पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई निंदनीय
साल 2020 : एसटीएफ लखनऊ की टीम ने तीन नकल माफियाओं को दबोचा। नगरा व भीमपुरा में परीक्षा के दौरान इंटर भौतिक विज्ञान, हाईस्कूल अंग्रेजी की हल प्रति वायरल हुई थी। इंटर रसायन विज्ञान प्रश्नपत्र में भी गिरोहों की सक्रियता दिखी।
साल 2019 : इंटर गणित की परीक्षा समाप्त होने के कुछ समय पहले एसटीएफ गोरखपुर की टीम ने बाबा महेंद्र दास शहीद प्रवीण सिंह शिक्षण संस्थान छोटकी सेरिया में दबिश दी। 38 कापियों के साथ छह सॉल्वर को पकड़ लिया। प्रिंसिपल व उसका बेटा भी गिरफ्तार।
2018 : यूपी एसटीएफ ने रसड़ा में बालेश्वर इंटर कालेज पर छापेमारी की। एसटीएफ ने स्कूल मैनेजर घर में 10वीं के गणित का पेपर हल कर रहे चार सॉल्वर सहित स्कूल के प्रिंसिपल और मैनेजर के भाई को गिरफ्तार किया था।