यूक्रेन से एक और दिल तोड़ने वाली तस्वीर सामने आई है। तस्वीर में डायपर पहने एक नन्ही सी बच्ची खड़ी है। बच्ची का नाम वेरा मकोवी है और उसकी नंगी पीठ पर उसका नाम, नंबर लिखा हुआ है। ये सबकुछ उसकी मां साशा मकोवी ने ही लिखा है। बच्ची की पीठ उसकी मां ने ये सबकुछ इसलिए लिखा, ताकि अगर वो रूसी हमले में मारी गई तो उसकी पहचान हो सके। बच्ची को किसे सौंपना है ये बात सामने वाले को पता हो।
इस वायरल फोटो को कीव की स्वतंत्र पत्रकार अनास्तासिया लैपटिना ने ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा- ‘यूक्रेनी मांएं अपने बच्चों के शरीर पर रिश्तेदारों का नाम-पता लिख रही हैं, ताकि वे युद्ध में मारी जाएं और उनके बच्चे बच जाएं तो वे अपनों तक पहुंच सकें। इन हालात में भी यूरोप अभी गैस पर बहस कर रहा है।’
मां ने सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट कर दर्द बयां किया
साशा ने तीन दिन पहले अपनी बेटी की फोटो इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की थी। लैपटिना ने ट्विटर पर साशा के पोस्ट को ही मेंशन किया है। साशा पोस्ट में दुनिया के सामने अपना दर्द साझा कर रही हैं कि कैसे युद्ध शुरू होने के साथ उन्होंने बेटी वेरा की पीठ और एक कागज के टुकड़े पर सबकुछ लिख दिया था।
बच्चों को मिल सके ठिकाना, इसलिए यूक्रेनी मांएं अपना रहीं ये तरीका
एक हफ्ते पहले ही यूक्रेन के जपोरिजिया से मां-बेटे की ऐसी ही झकझोर देने वाली कहानी सामने आई थी। 11 साल के अपने बेटे हसन पिसेका को बचाने के लिए जूलिया पिसेका ने उसे अपने से दूर दूसरे देश भेजना मुनासिब समझा।
उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए बेटे को पासपोर्ट देकर ट्रेन में बैठा दिया और उसके हाथ पर रिश्तेदारों का मोबाइल नंबर लिख दिया। हसन पिसेका अकेले ट्रेन से 1,000 किमी का सफर तय कर दूसरे देश स्लोवाकिया पहुंचा।
बच्चों को ह्यूमन शील्ड की तरह इस्तेमाल कर रहे रूसी सैनिक
कुछ दिन पहले ही यूक्रेन के एक बड़े अधिकारी ने रूसी सेना पर बच्चों को ह्यूमन शील्ड (ढाल) की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल ऑलेक्जेंडर मोटुज्यानिक ने कहा था- दुश्मन अपने काफिले, अपने वाहनों को ले जाते समय यूक्रेनी बच्चों को ह्यूमन शील्ड के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। यही नहीं रूसी सैनिकों पर महिलाओं से दरिंदगी और रेप का आरोप भी लग चुका है।