भक्तों ने अष्टभुजा देवी से मांगी परिवार की सुख-समृद्धि – शहर समेत ग्रामीणांचलों में दुर्गा मंदिरों में श्रद्धालुओं की रही भीड़
फतेहपुर। नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा का भक्तों ने भव्य श्रंृगार किया। मंदिरों में मॉ दुर्गा के इस स्वरूप के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। पूरा दिन भक्ति गीतों से जनपद के विभिन्न क्षेत्र गूंजते रहे। वहीं जयकारों की गूंज से वातावरण भक्तिमय रहा। आरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया।
मंगलवार को मां दुर्गा के चौथे स्वरूप की आराधना की गई। बताते है कि मां दुर्गा की चौथी शक्ति कूष्मांडा का ध्यान भक्तों के भीतर आत्मविष्वास का तेज लाकर कठिन मार्ग को भी सरल बनाता है। स्वरूप का मर्म यह है कि सूर्य जैसा तेजस्वी स्वरूप के आठ भुजाएं भक्तों को कर्मयोगी जीवन अपनाकर तेज अर्जित करने की प्रेरणा देती है। उनकी मधुर मुस्कान भक्तों के जीवन शक्ति का संवर्धन करती है। वह सिखाती है कि हंसते हुए कठिन मार्ग पर चलकर भी सफलता पाई जा सकती है। मान्यता है कि मां अपने हास से ब्रहम्मांड को उत्पन्न करती है और वे सूर्यमंडल में निवास करती है। आठ भुजाएं होने के कारण ये अष्टभुजा देवी के नाम से भी जानी जाती है। मांॅ के इस स्वरूप के दर्शन पूजन को लेकर चौथे दिन सुबह व शाम दोनों पहर मंदिरो में भक्तों की भारी भीड़ रही। शहर के प्रसिद्ध मंदिर तांबेश्वर व दुर्गा मंदिर के अलावा सभी मंदिरों में रात तक भक्तों का जमावड़ा रहा। चौथे दिन भी शहर सहित ग्रामीणांचलों दुर्गा मंदिरों में भक्ति गीत बजाये जाते रहे। जिनकी गूंज से इलाका गूंजता रहा। वहीं पूजा अर्चना व अराधना के समय मां की जय-जयकार से वातावरण भक्तिमय रहा। दर्शन के लिए दोनों पहर मंदिरों में महिलाओं की अलग व पुरूषों की अलग-अलग लाइने लगीं रहीं। घंटों लाइन में लगकर भक्तों ने मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना की। मन्नत मानने वाले भक्तों ने मन्नत पूरी होने पर प्रसाद वितरित किया। वहीं व्रत रखने वाले भक्तों ने पूरी आस्था के साथ मां की आराधना की।