अवैध सट्टा कारोबार को बंद कराने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही पुलिस सूत्रों की माने तो प्रतिदिन लाखों की लगाई जा रही बोली खागा संवाददाता सागर सोनी

 

खागा/फतेहपुर–खागा तहसील क्षेत्र के सट्टा जुआरियो के मन बढ़ गया है उन्हे किसी भी अधिकारी का डर या भय नहीं रहा जब क्रिकेट मैच के तहत खेले जाने वाला खेल जुआरियों व सट्टा माफियाओं के कमाई का जरिया बन जाए तो यह समाज के लिए घातक साबित होता है, क्योंकि इस तरह के खेल में ज्यादातर युवा पीढ़ी दिलचस्पी दिखाती है क्योंकि वह लालच में आकर हजारों नहीं लाखों का कर्ज तक लेकर दांव पर लगा देते हैं जिसका खामियाजा आने वाले वक्त में उन मासूम युवाओं एवं उनके परिवार वालों को भुगतना पड़ता है। सट्टा कारोबार से जुड़े माफिया किस्म के लोग उन लोगों से जबरन वसूली के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाते हैं जिसके चलते कई युवा अपनी जिन्दगी खो देते है बाद में घर वाले अंधकार में हो जाता है। उनके परिवार वाले भी तरह-तरह की मुश्किले झेलने के लिए विवश जाते हैं।
सूत्रों की माने तो इस समय आईपीएल के शुरू होने के साथ ही सट्टे का बाजार गर्म हो चुका है और हजारों नहीं लाखों की बोलियां लगाई जाती है।

सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक संचालित हो रहा सट्टा का कारोबार चरम सीमा पर पहुंच चुका है
जो लोगो की दबी जुबान में कहते हुए पाए जाते हैं कि कहे रहे है की सट्टा कारोबार पहले से कई लोगों का घर बर्बाद या उजाड़ चुके है
अब किसका नंबर होगा वोह तो भगवान ही जाने
सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि सट्टा कारोबार बिना सेटिंग के चलाना नामुमकिन सा है कहीं ना कहीं इस पूरे मामले में सेटिंग का खेल जरूर शामिल होगा! नहीं तो इतने बड़े पैमाने पर संचालित हो रहा सट्टा कारोबार पुलिस की निगाह से बच कैसे जाते है
कुछ असंभव सा प्रतीत होता है! लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब-जब आईपीएल, 20-20 व वनडे क्रिकेट मैच की शुरुआत होती है वैसे ही सट्टे का कारोबार चरम सीमा पर पहुंच जाता है। लोगों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर चलने वाला सट्टा कारोबार पुलिस की परोक्ष या अपरोक्ष सहमति के बिना कर पाना नामुमकिन है। लोगों ने बताया कि अगर पुलिस का संरक्षण सट्टा कारोबारियों को प्राप्त ना होता तो कई बार खबर प्रकाशित होने के बावजूद भी पुलिस प्रशासन का गंभीर ना होना यह दर्शाता है कि कहीं ना कहीं इस पूरे खेल में कुछ जिम्मेदार अधिकारी भी शामिल है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सट्टा कारोबार को जमीन से उखाड़ फेंकने के लिए पुलिस प्रशासन किस तरह से सख़्ती दिखाता है और इस कारोबार से जुड़े लोगों को कैसे सबक सिखाने का काम करती हैं पुलिस

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