हरियाणा के पानीपत जिले में खाकी पर एक बार फिर दाग लगे हैं। इस बार पुलिस के लिए यह चैलेंज है कि जिस कथित पुलिसकर्मी की वजह से खाकी दागदार हुई है, वह असली पुलिसकर्मी है या नकली। गांव सिवाह अड्डे पर एक बाइक सवार बिजली निगम के निजी अकाउंटेंट से खाकी पहने शख्स ने लिफ्ट ली। अकाउंटेंट ने उसे पुलिसकर्मी समझकर लिफ्ट दे भी दी।
मगर इस खाकी धारक ने अकाउंटेंट के बैग से 48 हजार की नकदी, मोबाइल फोन पावर बैंक और जरूरी दस्तावेज चुरा लिए हैं। आरोपी क्षेत्र में लगे सीसीटीवी में कैद हो गया। मामले की शिकायत और फुटेज पुलिस को दी गई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 379 के तहत केस दर्ज कर मामले की आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
कार्यालय पहुंचने पर अनिल को वारदात का पता लगा
सेक्टर 29 थाना पुलिस को दी शिकायत में अनिल सिंह ने बताया कि वह गांव सिवाह का रहने वाला है। वह बिजली निगम में ठेकेदार के पास बतौर अकाउंटेंट काम करता है। 8 अप्रैल की सुबह 8:20 बजे वह गांव सिवाह गांव के अड्डे पर था। उसे वहां पुलिस की वर्दी पहलने शख्स ने रुकने का इशारा किया। उसने भी पुलिसकर्मी समझ अपनी बाइक रोक ली।
बाइक रुकने के बाद उक्त वर्दी धारक ने लिफ्ट देने की बात कही। अनिल ने उसे अपनी बाइक पर बैठा लिया। इसके बाद वह उसे लेकर चौटाला रोड की ओर चल पड़ा। कुछ दूर जाने के बाद वर्दीधारक बाइक से नीचे उतर गया। अनिल अपने कार्यालय पहुंचा तो उसने देखा कि उसके बैग से 48300 की नकदी, मोबाइल पावर बैंक व कुछ जरूरी दस्तावेज गायब थे।
इससे वह समझ गया कि यह चोरी उस कथित पुलिसकर्मी ने की है। वह तुरंत कार्यालय से बाहर आया और उसने रास्ते भर की सभी फैक्टरियों के सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू कर दिए। जिस दौरान वह आरोपी फुटेज में कैद मिला। इस फुटेज को अनिल ने बतौर सुबूत पुलिस को सौंप दिया है।