गोवंश के गोबर ने बनने वाली लट्ठा निर्माण इकाई शुरू – डीएम ने लट्ठों की प्रथम खेप के वाहन को हरी झंडी दिखा किया रवाना

 

फतेहपुर। सलेमाबाद गौशाला में स्वयं सहायता समूह की संचालित गोवंश के गोबर से निर्मित लट्ठे बनाने की इकाई का जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे एवं मुख्य विकास अधिकारी सत्य प्रकाश के अलावा स्वामी विज्ञानानंद जी महाराज ने अवलोकन किया। तत्पश्चात डीएम ने लट्ठों की प्रथम खेप के वाहन को हरी झंडी दिखाकर ओम घाट भिटौरा के लिए रवाना किया।
स्वयं सहायता समूह की दीदियों ने वार्ता कर जानकारी दिया कि निर्माण इकाई में पांच से छह समूह की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। निर्माण इकाई में उत्पादन क्षमता प्रति घंटे सौ से एक सौ बीस लट्ठे बनाने की है। इस प्रकार आठ घंटे कार्य करने के उपरान्त अनुमाति आठ सौ से एक हजार लट्ठे का निर्माण प्रतिदिन प्रति इकाई द्वारा किया जा रहा है। जिस पर डीएम ने बेहद खुशी जाहिर की। उन्होने अन्य विभागों से बिक्री हेतु प्रचार प्रसार करने के लिए मार्केटिंग के बारे में अवगत कराया। संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि धार्मिक स्थलों में हवन-पूजन एवं शमशान घाटों में अंतिम संस्कार हेतु लकड़ी के स्थान पर गौवंश के गोबर से निर्मित लट्ठों के उपयोग को बढ़ावा दिलाएं। जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ गरीब महिलाओं को सतत आजीविका संवर्धन प्राप्त होगी। जिससे महिलाओं को रोजगार प्राप्त हो और अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण अनुकूल ईधन का लाभ प्राप्त हो सके। स्वयं सहायता समूह की प्रत्येक माह बीस हजार से पच्चीस हजार रूपए आमदनी अर्जित करेंगी। ओम घाट के महंत स्वामी विज्ञानानंद जी महाराज ने गोवंश से प्राप्त गोबर के वैदिक महत्व एवं हिंदू धर्म में इसकी उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसको एक उत्तम पहल मानते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपना संपूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया। साथ ही गौशाला में मनरेगा अभिशरण के माध्यम से निर्मित स्वयं सहायता समूह को वर्मी कम्पोस्ट किट का जिलाधिकारी ने अवलोकन किया। जिसमें समूह की महिलाओं ने वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर खेत, किचेन गार्डेन, नर्सरी, बोरा, बागीचे आदि में जैविक उत्पादन हेतु बिक्री की जा रही है। जिससे समूह से जुड़ी दस महिलाओं को रोजगार प्राप्त हो रहा है एवं दीदियों को प्रत्येक माह दस हजार से पंद्रह हजार की आमदनी भी हो रही है।

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