फिर से 7 राज्यों में कोरोना हुआ बेकाबू,मुंबई दिल्ली, और गुरुग्राम में बढ़ते केस ने डराया

 

 

भारत समेत एक बार फिर से दुनियाभर में कोरोना केस बढ़ने लगे हैं। दिल्ली, गुरुग्राम और मुंबई में कोरोना के नए मरीजों के मिलने का सिलसिला बढ़ रहा है। ऐसे में एक बार फिर कोरोना की चौथी लहर का खतरा बन गया है।

देश के कुल 734 जिलों में से 29 ऐसे हैं, जहां वीकली पॉजिटिविटी रेट 5% से ज्यादा है। यानी WHO के मुताबिक इन जिलों में संक्रमण अभी बेकाबू है। इनमें से 23 में हाल और खराब है। इन 23 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10% से ज्यादा है, जबकि 8 जिले ऐसे हैं जहां पॉजिटिविटी रेट 20% से ज्यादा है। पॉजिटिविटी रेट का मतलब है कि हर 100 टेस्ट होने पर कितने कोरोना मरीज मिल रहे हैं।

 

 आइए जानते हैं कि देश के किन जिलों में कोरोना पॉजिटिविटी रेट कितना है? केंद्र ने किन राज्यों को कोरोना को लेकर चेताया है? किन राज्यों में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं

 

 

  अभी देश में कितने कोरोना मरीज मिल रहे हैं?

  • देश में कोरोना मरीजों के मिलने का सिलसिला फिर बढ़ रहा है। देश में मंगलवार और बुधवार को कोरोना के 1 हजार से ज्यादा नए मरीज मिले। जबकि पिछले कुछ दिनों से देश में 700 से 800 के करीब कोरोना के केस आ रहे थे।
  • पिछले दो महीने बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या नए मिलने वाले मरीजों से कम है। मंगलवार को 1081 लोग ही कोरोना से ठीक हुए हैं।
  • देश में अब तक 4.30 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। देश में अब तक कुल 5.21 लाख मौतें हो चुकी हैं। एक्टिव केस की संख्या भी बढ़ कर 11 हजार से ज्यादा हो गई है।
  • दिल्ली में भी एक बार फिर कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां 2 महीने बाद कोरोना पॉजिटिविटी रेट 2.70% हो गया है। इससे पहले 5 फरवरी को पॉजिटिविटी रेट 2.87 था। दिल्ली में इस समय रोजाना कोरोना के करीब 100 से 200 नए मरीज मिल रहे हैं। बुधवार को दिल्ली में कोरोना के 299 नए केस मिले थे, इससे पहले मंगलवार को 202 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। यानी पिछले दिन से 50% ज्यादा मामले सामने आए।
  • दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। यहां बुधवार को कोरोना के 148 मरीज मिले। पिछले 40 दिनों में यह सबसे ज्यादा है। वहीं पिछले महीने के अंत तक 30 से कम केस मिल रहे थे।
  • देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी कोरोना केस बढ़ने लगे हैं। मुंबई में बुधवार को 73 नए मरीज मिले। यह 17 मार्च के बाद सबसे ज्यादा है। एक्सपर्ट का कहना है कि चौथी लहर के लिए यह अलार्मिंग सिचुएशन है। हमें बेहद सतर्कता बरतने की जरूरत है।

 

 पहले सबसे जानिए देश के किन जिलों में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 5% से ज्यादा है

  • खबर में आगे बढ़ने से पहले पॉजिटिविटी रेट को जान लेते हैं। अगर आपकी कॉलोनी में 100 लोगों का टेस्‍ट हुआ और 20 एक्टिव केस निकले तो मतलब पॉजिटिविटी रेट 20% हुआ।
  • आमतौर पर पॉजिटिविटी रेट 4 से 5 प्रतिशत तक हो तो स्थिति नियंत्रित मानी जाती है, लेकिन WHO कहता है कि यदि यह 5% से ज्यादा है तो स्थिति बेकाबू हो चुकी है।
  • भारत में इस समय वीकली पॉजिटिविटी रेट 0.24% ही है। हालांकि देश के 7 राज्यों के 29 जिलों में वीकली यानी 5 से 11 अप्रैल के बीच पॉजिटिविटी रेट 5% से ज्यादा है। इन 7 राज्यों में केरल, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, हरियाणा, मणिपुर और ओडिशा हैं।
  • केरल के 14 जिले ऐसे जहां कोरोना पॉजिटिविटी रेट 10% से ज्यादा हैं। जबकि 5 जिले ऐसे हैं, जहां पॉजिटिविटी रेट 15% से ज्यादा है। जबकि 2 जिले ऐसे हैं जहां यह 20% से भी ज्यादा है।
  • केरल के बाद मिजोरम ऐसा राज्य है, जहां के 10 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 5% से ज्यादा है। 7 जिलों में यह 10% और 5 जिलों में यह 20% से भी ज्यादा है।
  • अरुणाचल प्रदेश का अपर सियांग जिले में 100% यानी सभी लोग कोरोना से संक्रमित हैं। वहीं, हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 12.50% है।
  • हरियाणा के गुरुग्राम में सबसे ज्यादा कोरोना केस बढ़ रहे हैं। यहां पर वीकली पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 5.81% हो गया है।
  • मणिपुर तेंगनोउपल जिले में वीकली पॉजिटिविटी रेट 5.41% है। ओडिशा के खोर्धा जिले में यह 8.68% है।

 

केंद्र ने किन राज्यों को कोरोना को लेकर चेताया है?

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि कोरोना का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। लोगों को सुरक्षित रहने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।
  • देश के कई राज्यों में केस बढ़ने पर मंगलवार को मंडाविया ने देश के टॉप एक्सपर्ट के साथ बैठक की थी। इस दौरान मंडाविया ने राज्यों को निगरानी बढ़ाने और विशेष सतर्कता के निर्देश भी दिए।
  • मंडाविया ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है, सरकार लगातार इसकी निगरानी कर रही है और राज्यों को सलाह दे रही है। हम कल की भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं।
  • इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन और अमेरिका में बढ़ते कोविड के मामलों के बीच पांच राज्यों के लिए चेतावनी जारी की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने दिल्ली, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र और मिजोरम की सरकारों को चिट्ठी लिखी है। राज्यों से सतर्कता बढ़ाने और संक्रमण की दर बढ़ने के कारणों की गंभीरता से जांच करने को कहा है।
  • स्वास्थ्य सचिव ने कहा था कि इन राज्यों में डेली पॉजीटिविटी रेट बढ़ रहा है, यानी हर दिन मिलने वाले नए कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ी है। इसे देखते हुए राज्य सरकारें हालात की गंभीरता से समीक्षा करें और जरूरी होने पर कोविड-19 को लेकर नई गाइडलाइन भी जारी करें।

 

दुनिया के किन देशों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं?

  • इस समय साउथ कोरिया, जर्मनी, फ्रांस, वियतनाम, इटली, चीन अमेरिका में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना की इस ताजा लहर के पीछे ‘स्टेल्थ ओमिक्रॉन’ कहे जा रहे ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.2 को और XE वैरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है।
  • साउथ कोरिया में इस वक्त सबसे ज्यादा रोजाना केस आ रहे हैं। पिछले एक हफ्ते सें यहां हर रोज औसतन 2 लाख के करीब केस आ रहे हैं। यहां कोरोना से हर रोज औसतन 300 मौतें हो रही हैं। साउथ कोरिया में आधे से ज्यादा कोरोना केस के लिए ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट्स BA.2 जिम्मेदार है।
  • जर्मनी में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। यहां हर रोज औसतन 1.5 लाख कोरोना के केस आ रहे हैं। यहां भी 76% कोरोना केस के लिए ओमिक्रॉन वैरिएंट जिम्मेदार है।
  • चीन के शंघाई में बुधवार को कोरोना के 1189 नए केस आए हैं जबकि 25141 ऐसे संक्रमितों की पहचान हुई है, जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं। इसी के साथ शंघाई में 26000 से ज्यादा कोरोना मरीज हो गए हैं। शंघाई में सख्त लॉकडाउन के बीच ये मामले मिल रहे हैं।

 

क्यों खतरनाक है स्टेल्थ ओमिक्रॉन?

  • नंवबर 2021 में सबसे पहले साउथ अफ्रीका में पाए गए और WHO द्वारा वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किए गए ओमिक्रॉन के तीन सब-स्ट्रेन: BA.1, BA.2 और BA.3 हैं। इनमें BA.2 को सबसे ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है।
  • दिसंबर 2021 के अंत तक ओमिक्रॉन के 99% केसेज के लिए BA.1 स्ट्रेन जिम्मेदार था, लेकिन पिछले दो-तीन महीनों में BA.2 ने तेजी से इस स्ट्रेन की जगह ली है।
  • ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट (BA.2) के S जीन यानी स्पाइक प्रोटीन में इसके पहले के डोमिनेंट स्ट्रेन (BA.1) से अलग म्यूटेशन है, जिससे ओमिक्रॉन को ड्रॉप आउट टेस्ट में पकड़ पाना मुश्किल होता है। कोरोना सैंपल की जांच में अगर S जीन नहीं मिलता तो व्यक्ति के ओमिक्रॉन संक्रमित होने का पता चल जाता है।
  • कोरोना के नए वैरिएंट को पकड़ने के लिए एकमात्र उपाय जीनोम सीक्वेंसिंग है, लेकिन इसकी जांच हर कोई नहीं करवा सकता है। इस जांच को केवल सरकार करवाती है। जीनोम सीक्वेंसिंग की प्रक्रिया बहुत ही खर्चीली है, इसकी रिपोर्ट आने में कई दिन लगते हैं।

 

भारत को है कितना खतरा?

तीसरी लहर भारत में फरवरी से ही लगातार ढलान पर है और एक्सपर्ट्स का मानना है कि ताजा लहर देश में खत्म हो चुकी है। इसी वजह से भारत में कोविड प्रतिबंधों में ढील दी जा चुकी है और मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सख्ती न के बराबर है, लेकिन जब चीन समेत कई विकसित देशों में कोरोना वापसी करने लगा है। ऐसे में भारत में भी इसके खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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