फतेहपुर। भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को समर्पित एक कवि सम्मेलन एवं मुशायरा बहुआ विकास खंड के बड़ागांव मछरिया में हुआ। जिसमें दूर-दूर से आए रचनाकारों ने बाबा साहब को समर्पित रचनाओं के साथ-साथ अन्य रसों की रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि सम्मेलन देर रात तक चलता रहा। मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य कपिल सिंह यादव, प्रधान राम बहादुर गुरू जी, संयोजक बाल राज साहू आदि ने कवियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। संचालन शिवशरण बंधु हथगामी ने किया। मुख्य अतिथि का कमेटी ने स्वागत किया।
भंते महाराज की प्रार्थना के बाद कवि सम्मेलन की शुरुआत जाने-माने कवि एवं शायर एवं कार्यक्रम के संचालक शिवशरण बंधु हथगामी द्वारा बुद्ध वंदना से हुई-अगर धरा पर बुद्ध न होते, जीवन में हम शुद्ध होते से हुई। पग पग पर अपमान थे पग पग पर संत्रास, बाबा साहब ने रचा पीड़ा का इतिहास। रायबरेली से आए गोविंद गजब ने गजब ढा दिया-बनाकर संविधान जिसने दिया भारत को प्यारा सा, नमन उनको जिन्होंने हक दिया सबको बराबर का। हिंदी के चर्चित रचनाकार राजेंद्र यादव ने पढ़ा-बोधिसत्व से भीम को, कहें तथागत नाम, देशरत्न युगपुरुष को करते नील सलाम। हास्य रचनाओं से महफिल में हंगामा करने वाले बाराबंकी के आकाश उमंग ने पढ़ा-देश का भविष्य देखो खो गया अंधेरों में, अपने भारत में अंबेडकर जरूरी है। हास्य के युवा हस्ताक्षर रायबरेली के उत्कर्ष सोनी में सुनाया-नमन सभी करते हैं बाबा साहब भारत रत्न का, जिसने देश बचाने खातिर सर्वमान्य संविधान रचा। कानपुर से आए युवा कवि अभिनय सम्राट ने पढ़ा-कभी पतझड़ कभी सावन कभी खलिहान लिख देना, बनाया स्वर्ग है जिसको वो हिंदुस्तान लिख देना। युवा कवि ज्ञानेंद्र एकलव्य ने पढ़ा- जब तलक पिंजरे में हो बोलोगे पिंजरे की जुबां, तुम परिंदों से मिलोगे आसमां हो जाओगे। कार्यक्रम के संयोजक बालराज साहू ने भी काव्यपाठ के साथ आभार भी व्यक्त किया। इस मौके पर विनोद कुमार, राजेश कुमार, छिट्टू लाल, दयाराम बौद्ध राजपाल, माया शंकर, मोती लाल, राम प्रकाश, दिलीप, शिव प्रकाश, संतोष यादव कमल यादव, राजकुमार पाल, राम लखन कोटेदार, चंद्र प्रकाश, कंचन कुमार, आशा दीन विश्वकर्मा, मोती लाल, गुलाब, महेशी लाल, शैलेश कुमार, रामनाथ, अफजल खान, रईस खान, अभिलाष यादव, श्यामलाल यादव आदि अनेक विशिष्ट लोग मौजूद रहे।