श्रीवस्तव को न्यायालय ने कोरबा की अदालत में सुनाई एक साल की सजा चेक बाउंस के मामले में ट्रांसपोर्टर अनुराग
न्यायालय प्रथम श्रेणी कोरबा की अदालत में मैसर्स तिरुपति बालाजी फ्यूज के प्रोपराइटर हेमंत कुमार पुंडलिक ने कोरबा के ट्रांसपोर्टर अनुराग श्रीवास्तव मेसर्स जेडी एसोसिएट्स पर आरोप लगाया था कि आरोपी द्वारा पेट्रोल पंप से लगातार इंधन ले रहा था जिसका भुगतान भी किया जाता रहा लेकिन जब 3000000 रूपए का उधार बकाया था तब आरोपी द्वारा भुगतान के लिए घुमाए जाने लगा बाद में आरोपित अनुराग श्रीवास्तव ने 3000000 का एक्सिस बैंक कोरबा चेक दिया गया था जिसे आहरण के लिए लगाया गया यहां लेखक के हस्ताक्षर भिन्न एवं खाते में पर्याप्त निधि न होने के कारण अनादरित कर दिया गया इसकी जानकारी अनुराग श्रीवास्तव को 14-11-2019 को दिया गया जिसके बावजूद इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं किया गया ।
जिससे बालाजी फ्यूल्स को न्यायालय की शरण मे जाना पड़ा न्यायालय ने दस्तावेजी साक्ष्य एवं दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने आरोपी अनुराग श्रीवास्तव को धारा 138 अधिनियम के तहत 1 वर्ष की साधारण कारावास की सजा से दंडित किया है वहीं साथ ही आरोपी अनुराग श्रीवास्तव को दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 357 (3) के तहत परिवादी को ₹3270000 रुपये देने का आदेश दिया है वहीं आदेश में स्पष्ट है कि उक्त राशि की वसूली जुर्माने की तरह की जाए इसके साथ ही न्यायालय ने अनुराग श्रीवास्तव की जमानत निरस्त करते हुए जेल भेज दिया है मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता मो यासीन मेमन एवं वेदव्रत उपाध्याय ने की है ।
मिली जानकारी के अनुसार न्यायालय ने आरोपित को जमानत के लिए 30 दिनों का समय दिया है ,नियमानुसार 3 वर्ष के काम अवधि की सजा में न्यायालय जमानत करने का समय देने का प्रावधान है ।