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पूर्व राज्यमंत्री के पौत्र की मौत के मामले में 7पर मुकदमा दर्ज,लेकिन पुलिस के हाथ खाली–
ब्यूरो मुन्ना बक्श
अतर्रा-बाँदा। आखिरकार बाँदा जिले की अतर्रा थाना पुलिस ने यूपी सरकार में राज्यमंत्री रहे चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के पौत्र की मौत के मामले मुकदमा दर्ज कर लिया है, लेकिन अबतक किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। बताते दें कि 12वीं के छात्र राघव द्विवेदी ने 11 अप्रैल को पेपर देकर लौटने के बाद फांसी लगाकर जान दे दी थी। वह किराए पर कमरा लेकर अपनी बहनों के साथ अतर्रा के संजय नगर में रहकर पढ़ाई कर रहा था। दरअसल, राघव के परिजनों का आरोप है कि उसे कुछ शराबी, आवारा किस्म के लड़कों ने पीटा था। इससे वह काफी आहत था।
पुलिस लापरवाही ने बढ़ाया आरोपियों का दुस्साहस
परिजनों ने अतर्रा पुलिस से शिकायत की। इसके बावजूद पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की थी। यह बात सच भी है।पुलिस की इसी लापरवाही ने आरोपियों का दुस्साहस बढ़ाया और उन्होंने छात्र राघव को दोबारा पीटा। दोबारा पिटाई से क्षुब्ध राघव ने घर आकर फांसी लगाकर जान दे दी। दो बहनों के इकलौते भाई की मौत से परिवार में कोहराम मच गया।
दो बहनों का इकलौता भाई था छात्र राघवेंद्र
परिवार पर क्या गुजरी होगी, इसे समझा जा सकता है। मामले में थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल भी उठे थे। दरअसल, परिवार के लोग सुसाइड मानकर पहले शव का अंतिम संस्कार करने जा रहे थे, लेकिन उसी दौरान छात्र की पीठ व शरीर के अन्य हिस्सों पर चोटों के निशान देखकर उनको दोबारा पिटाई का पता चला
इसके बाद मामला खुलकर सामने आया। बहरहाल, अब पुलिस ने पूर्व मंत्री के बड़े भाई श्यामलाल के पौत्र राघव की मौत के इस मामले में 7 लोगों के खिलाफ मारपीट और आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा लिखा है।
रविवार को पिता की तहरीर पर दर्ज हुआ मामला
बताते हैं कि मृतक छात्र के पिता विमलेश उपाध्याय ने रविवार को अतर्रा पुलिस को तहरीर दी। उन्होंने कहा है कि उनका बेटा बीती 3 मार्च को कोचिंग से लौट रहा था। रास्ते में प्रियांशु शुक्ला उर्फ विवेक, काजू गुप्ता, राहुल शिवहरे, सचिन शिवहरे, रवि शिवहरे, सौरभ गुप्ता, गुड्डू पंडित ने उसे रोककर लाठी-डंडे से पीटा। उन्होंने इसकी तहरीर पुलिस को दी, लेकिन पुलिस ने बहुत गंभीरता नहीं दिखाई।
छात्र को इतना पीटा गया कि वह बेहोश हो गया
पुलिस की लापरवाही से आरोपियों का दुस्साहस बढ़ा और इंटर के अंतिम प्रश्नपत्र की परीक्षा देकर लौटते वक्त राघव को आरोपियों ने दोबारा बुरी तरह से पीटा और उसे बेइज्जत भी किया। बताते हैं कि पिटाई के दौरान छात्र बेहोश तक हो गया था। होश में आने पर घर पहुंचा। फिर उसने फांसी लगा ली। पीड़ित पिता का कहना है कि तत्कालीन थाना प्रभारी ने कार्रवाई की होती, तो उनका बेटा जीवित होता। उधर, थाना प्रभारी अनूप दुबे का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा लिखा गया है। सभी की तलाश की जा रही है।