वाराणसी में भीषण गर्मी में घनी बस्ती के बीच प्लास्टिक के कारखाने और उसके गोदाम में आग ,लगातार आग लगने की घटनाओं के बीच अनदेखी

 

गर्मी का सीजन शुरू होते ही वाराणसी में आग लगने की घटनाएं आए दिन हो रही हैं। आग लगने के कारण ही बीते हफ्ते अशफाक नगर मुहल्ले में चार लोग जिंदा जल गए थे। इसके बावजूद पुलिस-प्रशासन और अग्निशमन विभाग के स्तर से गंभीरता नहीं बरती जा रही है। हालत यह है कि सरैयां मुस्लिमपुरा इलाके में घनी आबादी के बीच प्लास्टिक का कारखाना और गोदाम संचालित किया जा रहा है। गोदाम के बाहर सड़क पर भी भारी मात्रा में प्लास्टिक के बोरे पड़े रहते हैं। इलाकाई लोगों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। किसी दिन असावधानीवश कोई हादसा हो गया तो नुकसान बड़े पैमाने पर होगा।

जैतपुरा थाना अंतर्गत सरैयां मुस्लिमपुरा इलाके में रहने वाले गुलाम नबी और इम्तियाज अहमद ने बताया कि घनी आबादी के बीच सपा के एक नेता के रिश्तेदार द्वारा प्लास्टिक का कारखाना और गोदाम संचालित किया जा रहा है। गोदाम के आसपास ही झोपड़ियां हैं। सड़क पर भी प्लास्टिक के बड़े-बड़े बंडल इधर-उधर पड़े रहते हैं। यदि दुर्घटनावश कहीं से कोई चिंगारी प्लास्टिक के बंडल पर आकर गिर पड़ी तो फिर आग की लपटों को विकराल रूप लेने में समय नहीं लगेगा। इसलिए पुलिस और प्रशासन को इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर आग से सुरक्षा के मुकम्मल उपाय पर ध्यान देना चाहिए।

उधर, साहेब आलम और मंसूर अली ने कहा कि प्लास्टिक के बड़े-बड़े बंडल लेने आने वाले वाहनों के कारण इलाके में दिन भर जाम लगा रहता है। ओवरलोड मालवाहकों के कारण पत्थर के चौका और पेयजल पाइप लाइन भी क्षतिग्रस्त होती रहती है। कारखाने से निकले वाले प्लास्टकि के कचरे का जगह-जगह अंबार भी लगा रहता है। जनता की इन सारी समस्याओं का प्रशासन को निदान कराना चाहिए। भीषण गर्मी में घनी बस्ती के बीच स्थित प्लास्टिक के कारखाने और उसके गोदाम में आग से सुरक्षा के पर्याप्त उपाय भी होने चाहिए।

 

 

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