एनजीटी के मानक भूल पानी से निकाल रहे मौरंग – गुरवल व मडैयन खदान में बिना रवन्ना निकल रहे ओवरलोड ट्रक – मौरंग माफिया, खाकी, प्रशासन की जुगलबंदी से हो रही अंधेरगर्दी

खागा/फतेहपुर। गुरवल मौरंग खदान व मडैयन में व्यापारी कम लुटेरे अधिक सक्रिय हैं, कथित रूप से तहसील प्रशासन व पुलिस को खरीदकर अवैध खनन का खेल जमकर खेला जा रहा है। मौरंग खनन कारोबारी सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व का चूना लगा रहे हैं। बिना रवन्ना वह बिना नंबर प्लेट के गाड़ियों का निकलने का सिलसिला चालू है। साथ ही खनन के लिए बने नियम कानूनों को खुलेआम रौंद रहे हैं। मौरंग माफिया जब अवैध खनन कर सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का चूना लगाते हैं तब मजबूरन इन्हें माफिया और लुटेरा कहना ही पड़ता है।
भाजपा की भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश सरकार के राज में मौरंग खनन के नाम पर खनन माफियाओं की नेता, पुलिस, प्रशासन और तथाकथित पत्रकार कम ठेकेदार जी भर कर मदद करते हैं। उनकी मदद से रात दिन खदानों में लूट मची हुई है। मौरंग निकासी के इस खेल में खाकी की भी चांदी है। पूरी रात निकल रहे बिना रवन्नना बालू लदे ओवरलोड ट्रकों से चौथ वसूलते ख़ाकीधारी प्रत्येक चौकी थाने के सामने आसानी से देखे जा सकते हैं। उदाहरण के रूप में इन दिनों सोशल मीडिया पर कई वीडियो देखे जा सकते हैं। जिसमे ओवरलोड वाहनों को देर रात वसूली के बाद निकालते हुए देखा जा सकता है। शासन ने ओवरलोड रोकने के लिए खदानो में कैमरे लगाए, धर्मकांटे लगाए मगर कैमरे बंद हैं, या कहिए बंद कर दिए गए हैं। धर्मकांटा भी पहले से सेट वेट ही बताता है। अब खनन क्षेत्र के थानेदारों की मानिए, तो चर्चा है कि वह पहले से पता करके पोस्टिंग करवाते हैं कि कहां कितने की वसूली हो जाएगी। कुल मिलाकर मामला ऊपर से नीचे तक पूरा सेट है। यही वजह है कि नियम कानूनों को खनन माफिया अपने पैरों तले रौंद रहे हैं। गुरवल मौरंग खदान में पानी के अंदर से बड़ी-बड़ी बूम मशीनों से करोड़ो की मौरंग अवैध तरीके से निकली जा रही है। ओवरलोड वाहन खदान से निकलकर बमुश्किल बनी सड़कों को चौपट कर रहे हैं। रात के अंधेरे में बिना रवन्ने के ओवरलोड ट्रक निकल रहे हैं जिससे राजस्व को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। खनिज अधिकारी राजेश सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि गुरवल खदान में अगर मानक की अनदेखी की जा रही है तो जल्द ही छापेमारी कर कार्रवाई की जाएगी।

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