लैंडफिल साइट में आग रोकने के लिए राजधानी दिल्ली में जल्द लागू होगा मुंबई मॉडल  

 

लैंडफिल साइट में आग की घटनाओं को रोकने के लिए दिल्ली में जल्द ही मुंबई मॉडल लागू होगा। बृहस्पतिवार को दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने विशेषज्ञों के साथ हुई बैठक में मुंबई के डंपिंग स्थल में लगे गैस सकिंग सिस्टम को अपनाने का निर्णय लिया। साथ ही दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और नगर निगम को इस मॉडल पर कार्य करने के निर्देश दिए।

विशेषज्ञों के अलावा सभी संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में यह भी तय हुआ है कि डीपीसीसी और निगम की संयुक्त टीमें जल्द ही मुंबई के लिए रवाना होंगी ।  वहां मुंबई मॉडल के बारे में जानकारी एकत्रित करेंगी। इसके अलावा एंटी ओपन बर्निंग अभियान के तहत 10 विभागों की 500 टीमें तैनात करने का फैसला भी लिया गया। पर्यावरण मंत्री ने लैंडफिल साइट के लगातार निरीक्षण को लेकर भी अधिकारियों को निर्देश दिए।
इस बैठक में आईआईटी दिल्ली, पर्यावरण विभाग, टेरी, सीएसई, आईजीएल, गेल सहित कई विभागों के विशेषज्ञ मौजूद थे। बैठक में लैंडफिल साइट्स में बढ़ रही आग लगने की घटनाओं को लेकर सभी पहलुओं पर चर्चा की गई। इस दौरान आईसीएआर-आईएआरआई के विशेषज्ञ भूपिंदर सिंह और शिव प्रसाद के साथ – साथ आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर मनोज दत्ता ने मुंबई मॉडल का समर्थन किया।
वहीं सीएसई से अतिन बिस्वास और डॉ. ऋचा सिंह ने लैंडफिल साइट में आग लगने की घटनाओं को रोकने से संबंधित कई सुझाव भी दिए। इनके अलावा आईजीएल से नरेंद्र पांडेय, गौरव शर्मा और सुशांत चौधरी के साथ साथ टेरी से सुनील पांडेय, गेल से आशु सिंघल और संजीव कुमार ने भी अपनी सलाह दी।

बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में इस समस्या से स्थायी नियंत्रण पाने के लिए मुंबई के डंपिंग स्थल पर लगे हुए गैस सकिंग सिस्टम को अपनाना जरूरी है। इसके लिए डीपीसीसी और निगम को निर्देश दिए हैं।

मिट्टी से लैंडफिल साइट पर कूड़े को ढकेंगे 
बैठक में विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लैंडफिल साइट पर कूड़े को मिट्टी से ढका जाए। कम से कम 10 सेंटीमीटर तक इसे कवर करना चाहिए।

500 टीमें आग पर नजर रख रहीं 
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि एंटी ओपन बर्निंग अभियान के तहत पूरी दिल्ली में 10 विभागों की 500 टीमें तैनात की गई हैं जो ओपन बर्निंग से जुड़ी सभी उचित कार्रवाई के साथ 24 घंटे निरीक्षण करने का काम भी कर रहीं हैं। इनके अलावा निगम और डीपीसीसी को भी निगरानी के निर्देश दिए गए। 

कमेटी बसों में आग की घटनाओं की जांच करेगी 

दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी)की बसों में आग की बढ़ती घटनाओं की जांच के लिए सरकार ने एक कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है। पिछले दो महीने में चार बसों में आग लगने की घटनाओं को देखते हुए एक जांच समिति गठित की गई है। समिति में विशेष आयुक्त(परिचालन) की अध्यक्षता में पांच सदस्य होंगे। इनमें प्रोफेसर डॉ. अमित पाल, डीआईएमटीएस के उपाध्यक्ष(रोड ट्रांसपोर्ट) सीके गोयल, डीटीसी एमडी के प्रतिनिधि और आईआईटी के विशेषज्ञ समेत पांच सदस्य होंगे।

समिति को 15 दिनों के अंदर अंतरिम रिपोर्ट जबकि 30 दिनों में अंतिम रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट किया है कि दिल्ली में हर नागरिक की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। डीटीसी बसों में हाल की आग की घटनाओं को देखते हुए इन घटनाओं के मूल कारणों की पहचान करने और उपचारात्मक उपाय सुझाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों और अधिकारियों की एक समिति गठित की गई है।

लगातार दूसरी रात डीटीसी बस में लगी आग
बृहस्पतिवार रात पहाड़गंज फ्लाईओवर पर जा रही दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी)बस में अचानक आग लग गई। राहत की बात थी कि बस में मौजूद यात्रियों ने समय रहते अपना बचाव कर लिया। ब्यूरो

 

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