सीडीओ ने किया मेडिकल कालेज व जिला चिकित्सालय का निरीक्षण

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सीडीओ ने किया मेडिकल कालेज व जिला चिकित्सालय का निरीक्षण
टीबी पेशेंट को जनरल वार्ड में भर्ती करने पर चिकित्सक व स्टाफ से स्पष्टीकरण तलब

ज़िला संवाददाता डॉ0सै0अब्दुल खबीर की रिपोर्ट

बहराइच 22 अप्रैल। चिकित्सालयों के माध्यम से आने वाले मरीज़ों को मिलने वाली चिकित्सकीय सुविधाओं, चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति, दवाओं तथा अन्य लॉजिस्टिक की उपलब्ध सुनिश्चित कराये जाने के उद्देश्य से मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना ने महाराजा सुहेलदेव स्वषाशी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय एवं महर्षि बालार्क जिला चिकित्सालय बहराइच का आकस्मिक निरीक्षण किया।
मानसिग रोग विभाग के निरीक्षण के दौरान ओपीडी में डॉ. विजित जायसवाल एवं अन्य स्टाफ उपस्थित मिले। एनसीडी क्लीनिक की ओपीडी में डॉ. परितोश तिवारी उपस्थित नहीं मिले। इनके सम्बन्ध में बताया गया कि मुख्य चिकित्साधिकारी के पास गये हैं। सर्जरी कक्ष में डॉ. पंकज श्रीवास्तव में ओपीडी में मरीजों को देख रहे थे। डेªेसिंग रूप में अशोक कुमार एवं सूरसेन चौहान अप्रेन्टिस फार्मासिस्ट भी उपस्थित मिले। अलबत्ता ड्यूटी रजिस्टर नहीं मिला और न ही दीवाल पर कोई ड्यूटी चार्ट ही चस्पा किया गया था। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि सभी कक्षों में ड्यूटी चार्ट चस्पा करायें।
फिजियोथिरेपी कक्ष के निरीक्षण के दौरान उपस्थित स्टाफ द्वारा बताया गया 04 लोगों के सर्वाइकल की जॉच की गयी है। नर्सिग स्टेशन कक्ष के पास के वार्ड नं. 1 में ग्राम भदौली चिलवरिया निवासी भर्ती मरीज़ श्रीमती रामकली ने बताया कि उसे सभी दवाएं अस्पताल से मिल रही है। वार्ड नं. 2 के निरीक्षण के समय बेड सं. 15 पर ग्राम भकला गोपालपुर की भर्ती मरीज़ पूजा ने बताया कि उसे दर्द की समस्या है। वह सात दिन से भर्ती है। मरीज के पास एक नोपाइन-पी इन्जेक्शन की शीशी मिली जो बाहर से क्रय की गयी थी जिसका मूल्य रू. 400 है। मरीज के पास उपलब्ध अल्ट्रासाउण्ड रिपोर्ट को देखने से ज्ञात हुआ कि अल्ट्रासाउण्ड निजी अल्ट्रासाउण्ड सेन्टर से रू. 1000 में कराया गया है। सीडीओ द्वारा इस स्थिति पर कड़ा असंतोष व्यक्त करते हुए सीएमएस को निर्देश दिया गया कि मरीज़ों को सभी दवाएं अस्पताल से ही उपलब्ध करायी जायें तथा अल्ट्रासाउन्ड भी चिकित्सालय से ही कराया जाये।
इसी प्रकार वार्ड नं. 2 के बेड सं. 16 पर भिन्गा श्रावस्ती नि. मरीज़ सीमा के बारे में बताया गया कि आज ही भर्ती हुई मरीज़ टीबी रोग से ग्रसित थी, समय से पूर्व दवा खाना बन्द कर देने के कारण पुनः भर्ती हुई है। यहॉ पर पाया गया कि टीबी से ग्रसित मरीज़ को अलग वार्ड में भर्ती नहीं किया गया है। सम्बन्धित चिकित्सक /वार्ड इन्चार्ज की लापरवाही के कारण टीबी मरीज़ को जनरल वार्ड में भर्ती करने पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए सीडीओ द्वारा सीएमएस को निर्देशित किया गया कि लापरवाही के लिए सम्बन्धित चिकित्सक व स्टाफ का स्पष्टीकरण प्राप्त करें तथा भर्ती मरीज़ के बलगम की जांच कराकर मरीज़ को टीबी वार्ड में भर्ती कराया जाय। प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र के निरीक्षण के दौरान बताया गया कि अब तक 96 मरीज़ों द्वारा दवा क्रय की गयी है। निरीक्षण के समय चिकित्सालय की साफ-सफाई संतोषजनक पायी गयी।

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