सूचना पर थाने पहुंचे एसपी दिनेश सिंह व एएसपी ने घटना स्थल का निरीक्षण करते हुए साथी कर्मियों ने जानकारी ली। एसपी के निर्देश पर पहुंची फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल से साक्ष्य संकलित किया तो पुलिस पूरे प्रकरण की जांच में जुटी है। बेटी दरोगा के मौत की सूचना पर पहुंचे पिता व भाई का अस्पताल में रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों के आने के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
उपनिरीक्षक रश्मि यादव की मौत की सूचना पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा था। मिलनसार रश्मि यादव जिले में अपनी तेज कार्यशैली के लिए भी मशहूर थीं। अपराध नियंत्रण की बात हो या महिला उत्पीड़न से जुड़े मामले सभी को निस्तारित करने में रश्मि यादव पूरे मनोयोग से काम करती थीं। कोविड संक्रमण काल में गौरीगंज में तैनाती के दौरान न सिर्फ रश्मि ने नियमों का पालन कराया बल्कि जरूरतमंदों को भोजन कराने के साथ उन्हें गंतव्य तक भेजने में अपेक्षित सहयोग भी किया था।
एसपी दिनेश सिंह ने बताया कि उपनिरीक्षक रश्मि काफी मिलनसार और काबिल दरोगा थी। शुक्रवार को उनका शव कमरे में फंदे से लटका मिलने व अस्पताल में मौत की पुष्टि के बाद पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच की जा रही है। कमरे की जांच फोरेंसिक टीम व थाने की पुलिस परिजनों की मौजूदगी में कर रही है। मौके पर अब तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। सभी तथ्यों की जांच व पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।
उपनिरीक्षक रश्मि यादव के मौत की सूचना पर पहुंचे पिता मुन्ना लाल यादव ने कहा कि तीन दिन पहले रश्मि अवकाश से ड्यूटी पर थाने आई थी। परिवारिक या निजी परेशानी जैसा कोई मामला नहीं था। थाने के काम से कुछ परेशान जरूर थी। घर में रश्मि ने कहा था कि उसका स्थानांतरण हो जाए तो अच्छा होगा।
बृहस्पतिवार को रश्मि ने फोन पर मोहनगंज से पुलिस कार्यालय के वन स्टॉप सेंटर सेल में स्थानांतरण होने की बात बताते हुए खुशी भी जाहिर की थी। शुक्रवार को उनकी बात नहीं हुई थी। दोपहर बाद रश्मि के मौत की सूचना मिली। मौके पर पहुंचने के बाद मीडिया से बात करते हुए पिता मुन्ना लाल यादव ने रश्मि की हत्या की आंशका जाहिर करते हुए कहा कई लोग बता रहे हैं कि हत्या हुई है।