प्रयागराज जिले का गंगापार इलाका एक बार फिर सामूहिक हत्याकांड से दहल उठा। थरवई के खेवराजपुर में अधेड़ दंपती समेत एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई। उन्हें पीट-पीटकर और नुकीले हथियार से गोद-गोदकर मौत के घाट उतार दिया गया। मृतकों में दंपती की बहू व बेटी भी शामिल हैं। हत्यारों ने दंपती की एक साल की पौत्री को भी मार डाला। कत्ल के बाद घर के एक कमरे को आग के हवाले कर हत्यारे फरार हो गए। खास बात यह कि दंपती की एक अन्य पौत्री सुरक्षित मिली। पुलिस मृतक के बेटे की तहरीर पर अज्ञात में मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल में जुटी है। खेवराजपुर में रहने वाला 55 वर्षीय राजकुमार दूध का व्यापार करता था। परिवार में बेटे सुनील के अलावा उसकी 50 वर्षीय पत्नी कुसुम देवी के अलावा 25 वर्षीय बहू, पांच व एक साल की दो पौत्रियां मीनाक्षी व साक्षी और 22 वर्षीय विकलांग बेटी शामिल थीं। सुनील शहर में प्रयाग स्टेशन के पास गुमटी चलाता था और वहीं किराये पर रहता था।वह दो-तीन दिन के अंतराल पर घर आया करता था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शनिवार भोर में 4.30 बजे के करीब घर से धुआं निकलता देख कुछ ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे तो भीतर का दृश्य देखकर दहल उठे। आंगन में दंपती, उनकी बेटी और बरामदे में बहू व एक साल की साक्षी खून से लथपथ मृत पड़े थे। जबकि पांच साल की मीनाक्षी बिस्तर पर पड़ी बिलख रही थी।
बरामदे से सटे हुए कमरे में आग लगी थी और यहीं से धुआं निकल रहा था। सूचना पर फायरब्रिगेड पहुंची और फिर आग पर काबू पाया गया। एक परिवार की पांच लोगों की हत्या की खबर से सनसनी फैल गई। जानकारी पर सुनील और डीएम-एसएसपी समेत तमाम अफसर भी पहुंच गए। बेटे से पूछताछ के बाद पुलिस ने पांचों शवों को कब्जे में लेकर मर्चरी भेज दिया।
अस्तव्यस्त थे कपड़े बहू व बेटी के
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दंपती की बहू व बेटी के कपड़े अस्तव्यस्त थे। आशंका जताई जा रही है कि उनके साथ अनहोनी हुई है। पांचों के सिर व चेहरों पर चोट के निशान थे। ऐसे में माना जा रहा है कि पीट-पीटकर व नुकीले हथियार से गोद-गोदकर उनकी हत्या की गई। पुलिस घंटों जांच पड़ताल में लगी रही। मौके पर डॉग स्क्वाएड व फोरेंसिक टीम भी पहुंची, लेकिन हत्यारों का कोई सुराग नहीं मिल सका।
प्रयागराज के थरवई में हुए सामूहिक हत्याकांड में हत्यारों ने बर्बरता की सभी हदें पार कर दीं। हाल यह रहा कि ग्रामीण ही नहीं, जवान और पुलिस अफसर भी हैवानियत देख स्तब्ध थे। हत्यारों के सिर पर किस कदर खून सवार था, इसका पता इसी से चलता है कि एक साल की मासूम साक्षी को देखकर भी उनका दिल नहीं पसीजा। उन्होंने सोते वक्त ही सिर पर वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया था। घटना के बाद मौके पर सबसे पहले पहुंचे पुलिसकर्मियों ने चारपाई पर मृत पड़ी मां के ठीक बगल में उसका शव पड़ा देखा तो उनका भी कलेजा मुंह को आ गया। फाफामऊ-सहसों हाईवे से बमुश्किल तीन किमी की दूरी पर खेवराजपुर गांव स्थित है। यहां सड़क से लगभग सटे हुए मकान में ही राजकुमार यादव अपने परिवार समेत रहता था। वह मूल रूप से पड़ोस के ही वजीरपुर गांव का रहने वाला था, लेकिन कई साल पहले उसने खेवराजपुर में अपना मकान बना लिया था। चार भाइयों में वह दूसरे नंबर का था जबकि उसके तीन भाई राजेंद्र, प्रदीप, विजय पैतृक गांव में ही रहते हैं। राजकुमार ने घर में ही भैंस व गाय पाल रखी है और दूध बेचकर वह अपने परिवार का पालन पोषण करता था।
बताया जा रहा है कि भोर में 4.30 बजे के करीब गांव के ही कुछ लोग सामने से गुजरे तो घर से काफी तेज धुआं उठता देखा। सूचना दी तो सबसे पहले मौके पर 112 नंबर की पुलिस पहुंची। इसके बाद थरवई पुलिस आ गई। मुख्य दरवाजा भीतर से बंद था। किसी तरह दरवाजा खोलकर पुलिसकर्मी भीतर पहुंचे तो एक चारपाई पर राजकुमार की बेटी की खून से लथपथ लाश दिखाई दी। कुछ ही दूर पर दूसरी चारपाई पर राजकुमार व उसकी पत्नी कुसुम मृत पड़े थे।पुलिसकर्मियों की नजर मुख्य दरवाजे के बाएं तरफ स्थित टिनशेड के बरामदे में गईं तो वहां दंपती की बहू व एक साल की पौत्री खून से लथपथ मृत पड़े थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सभी को बड़ी बेरहमी से मौत के घाट उतारा गया था। घटना में रॉड, डंडा और नकुले हथियार का इस्तेमाल किया गया था। मासूम साक्षी के माथे के साथ ही उसके सिर में चोट के निशान थे। ऐसे में आशंका है कि हत्यारों ने उसकेसिर पर वार किया। साक्षी अपनी मां के साथ एक ही चारपाई पर सो रही थी और ठीक बगल में उसका शव पड़ा था। उसके सिर पर दाहिनी ओर गहरा जख्म था और माथे पर भी चोट के निशान थे। सिर से काफी खून भी बहा था जिससे पूरा चेहरा खून से लथपथ हो गया था।