फतेहपुर। मुस्लिम समाज में रमज़ान के महीना का बहुत बड़ा मर्तबा है। इस महीने में की गई हर एक इबादत व नेकी का सवाब 70 गुना मिलता है। प्रत्येक मुसलमान पर अल्लाह तआला ने रोजे फर्ज किए हैं। जहां घर के बड़े रोजा रख रहे हैं वहीं बच्चे भी अपने परिवार वालों को देखकर रोजा रखने की जिद कर रहे हैं। रविवार को शहर के यूसुफजई मुहल्ले में एक नौ वर्षीय लड़के ने पहला रोजा रखकर अल्लाह की इबादत की। परिवार वालों के साथ-साथ मुहल्लेवासियों ने उसे मुबारकबाद पेश की।
भीषण गर्मी के बीच चल रहे माहे रमज़ान के रोज़े रखने में बच्चे क्या बड़े-बड़ों के हौसले पस्त हो जाते है। अगर हौसला देखना है तो देखिए सदर कोतवाली क्षेत्र स्थित यूसुफजई मोहल्ला निवासी सईदुज्ज़मा खान के बेटे सिद्दीक ज़मा खान ने मात्र नौ वर्ष की उम्र में अपने 11 वर्षीय बड़े भाई शुभान ज़मा खान के नक्शेकदम पर चलते हुए इस तपिस भरी गर्मी में प्यास और भूख की सिद्दत पर काबू पाते हुए माहे रमज़ान का आज अपना पहला रोज़ा मुकम्मल किया। रोज़ा इफ्तार के समय सिद्दीक ज़मा व उसके बड़े भाई शुभान ज़मा दोनो भाइयों को सजा कर फूलों का हार गले में डाल कर पहला रोज़ा मुकम्मल करने पर घर वालों के साथ साथ लोगों ने मुबारकबाद दिया। इस खुशी के मौके पर रिश्तेदारों व मोहल्ले के लोगो ने भी शिरकत कर बच्चों की हौसला अफजाई किया।