प्रयागराज के थरवई में शुक्रवार रात को हुए सामूहिक हत्याकांड में हत्यारों की धरपकड़ के लिए पुलिस की 17 टीमें लगाई गईं, लेकिन 45 घंटे बीतने के बावजूद पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिला। काफी कोशिशों के बाद भी नाकाम रहने पर पुलिस अफसरों ने खुलासे के लिए अब जनता का सहयोग लेने का फैसला किया है। इसके तहत 25 हजार का इनाम घोषित किया गया है। हत्याकांड से जुड़ी कोई भी महत्वपूर्ण सूचना या हत्यारों का क्लू देने वाले को यह राशि बतौर इनाम दी जाएगी। वारदात के कुछ घंटों बाद ही आला पुलिस अधिकारियों ने मामले के खुलासे के लिए सात टीमों का गठन किया था। इसमें स्थानीय पुलिस के साथ ही एसओजी के भी जवान शामिल हैं। सभी टीमें थरवई के साथ ही आसपास के थाना क्षेत्रों और यहां तक कि शहर में भी सुरागरशी में लगी रहीं, लेकिन हत्यारों का कोई सुराग नहीं मिल सका। एसएसपी अजय कुमार ने बताया कि हत्याकांड के संबंध में महत्वपूर्ण सूचना या क्लू देने वाले को 25 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। उसका नाम भी पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा।
खानाबदोशों के डेरों पर रात भर दबिश, सामूहिक हत्याकांड
गंगापार इलाके के थरवई में शुक्रवार देर रात हुई पांच लोगों की नृशंस हत्या के मामले में पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। अब तक की जांच पड़ताल में घुमंतू गिरोह ही सबसे ज्यादा पुलिस के शक के घेरे में है। यही वजह रही कि जांच में लगी टीमें रात भर गिरोह की तलाश में जुटी रहीं। थरवई से लेकर शहर तक रात भर खानाबदोशों के डेरों पर दबिश दी जाती रही। डेरों पर रहने वालों का नाम, पता नोट करने के साथ ही उनकी तस्वीरें भी ली गईं, लेकिन कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा। गांवों से लेकर शहर तक खानाबदोशों के डेरों पर दबिश दी गई। पुलिस अन्य जगहों के साथ ही रेलवे स्टेशन व बस अड्डों पर भी पहुंचकर सुरागरशी में जुटी रही। थरवई के साथ ही सोरांव, फाफामऊ, नवाबगंज, बहरिया, फूलपुर, मऊआइमा समेत गंगापार के अन्य क्षेत्रों के साथ ही शहर में भी खानाबदोशों के डेरों पर चेकिंग की गई। पुलिसकर्मियों ने डेरों पर रहने वालों की जानकारी जुटाई। एक-एक शख्स का नाम व पता नोट किया। जो मौजूद नहीं मिले, उनके बारे में भी पूछताछ की। इसके साथ ही घटना वाली रात वह कहां थे, यह जानकारी भी जुटाई। इसकेसाथ ही डेरों की तलाशी भी ली गई। सूत्रों का कहना है कि संदिग्धों के बारे में और ज्यादा जानकारी जुटाने में टीमें लगी हुई हैं। उधर शहर में एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह के नेतृत्व में करेली, खुल्दाबाद समेत अन्य इलाकों में रहने वाले डेरों की छानबीन की गई।
सब्बल से भी किया वार, रॉड या डंडे से पीटा
हत्याकांड में हत्यारों व वजह के अलावा अब तक यह भी पता नहीं चल सका है कि वह कौन से हथियार थे जो पांच लोगों को मौत के घाट उतारने में प्रयुक्त किए गए। जानकारों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जिस तरह से चोटों की बात सामने आई है, उससे यही लग रहा है कि किसी ठोस, वजनी चीज के साथ ही नुकीले औजार का भी इस्तेमाल हत्या में किया गया।हो सकता है कि यह औजार लोहे की रॉड, डंडा और सब्बल हों। दरअसल पूर्व में इस तरह के सामूहिक हत्याकांडों में इन औजारों का इस्तेमाल किए जाने की बात सामने आ चुकी है। यही नहीं कुछ घटनाओं में हत्या में प्रयुक्त औजार बरामद भी किए जा चुके हैं। फिलहाल पुलिस अफसरों का कहना है कि हत्यारों के पकड़े जाने के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकेगा।इस हत्याकांड के बाद एक आशंका यह भी जताई जा रही है कि वारदात में किसी साइको किलर गिरोह का हाथ तो नही। दरअसल जिले में सामूहिक हत्याकांड की अब तक हुई ज्यादातर घटनाओं में मृतक महिलाओं व युवतियों संग दुष्कर्म की बात सामने आई है। हालांकि इस घटना में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हो सकी है लेकिन इसकी आशंका से भी इंकार नहीं किया जा रहा।ऐसे में चर्चा इस बात की भी है कि कहीं महिलाओं को मारकर अनहोनी करने वाला कोई साइको किलर गिरोह तो जिले में सक्रिय नहीं है। अफसरों का कहना है कि पोस्मार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म के संबंध में पुष्टि के प्रमाण नहीं मिले है। ऐसे में इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता।