अब पाकिस्तान व अफगानिस्तान के बीच रिश्तों में दरार पैदा होने लगी है। अपने आका पाकिस्तान के खिलाफ शिकायत लेकर तालिबान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पहुंच गया है। तालिबान ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान की सेना ने हमारे खोश्त और कुनार प्रांत में हवाई हमले किए। शिकायत के साथ ही तालिबान ने पाकिस्तान सरकार को कड़ी नसीहत दी है। दो साल पहले तक तालिबान पाकिस्तान के इशारे पर नाचता था। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद पाकिस्तान ने ही उसकी उंगली पकड़कर विश्व बिरादरी से जोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन अब दोनों देशों के बीच खटास बढ़ती जा रही है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ नसीर अहमद फैक ने यूएनएससी में शिकायत की है। फैक की शिकायत का समर्थन तालिबान, हक्कानी नेटवर्क और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने भी किया है। तालिबान का कहना है कि पाक सेना के हवाई हमले में 40 लोगों की मौत हुई है। इनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।फैक ने यूएनएससी के अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि पाकिस्तान का हवाई हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन है। बहुत से घरों को भी नुकसान पहुंचा है। तालिबान, हक्कानी नेटवर्क और तहरीक-ए-तालिबान तीनों ही पख्तूनों से जुड़े संगठन हैं। वे पाकिस्तान की ओर से डूरंड सीमा रेखा पर तारबंदी के खिलाफ हैं। इनका कहना है कि इसके जरिए पाकिस्तान पख्तूनों को अलग करने का काम कर रहा है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की बड़ी आबादी पख्तूनों की है। अफगानिस्तान भी पख्तून बहुल देश है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भेजे पत्र में अफगानिस्तान ने लिखा है कि पाकिस्तान की सेना ने जो किया है, वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों, मानवाधिकार के नियमों, यूएन चार्टर के सिद्धांतों का उल्लंघन है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का भी इससे हनन हुआ है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने सुरक्षा परिषद के जरिए पाक सरकार को चेताया है कि ऐसे हमलों से दोनों देशों के रिश्तों पर आंच आएगी। क्षेत्र की शांति व्यवस्था भी इससे प्रभावित होगी।