मस्जिदों व मंदिरों से हटाए गए लाउडस्पीकर

फतेहपुर। प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सभी धार्मिक स्थलों से अतिरिक्त लाउडस्पीकर हटाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों कहा था कि आवाज केवल धार्मिक स्थलों के कैंपस तक ही सीमित रहेगी। इसी के दृष्टिगत स्थानीय पुलिस व प्रशासन ने बुधवार को सभी मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों और गिरजाघरों से लाउडस्पीकर उतारने की मुहिम छेड़ दी है। इसके लिए प्रशासन ने सभी धर्मों के लोगों के साथ बैठक कर लाउडस्पीकर हटाने की अपील की थी। जिसके बाद अब धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतारने का काम शुरू हो गया है। लोगों ने खुद पहल करते हुए मंदिर-मस्जिदों से लाउडस्पीकर और साउंड सिस्टम को या तो उतार लिया है या फिर बंद कर दिया है।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं
फतेहपुर। मस्जिदों के इमामों ने कहा कि देश संविधान से चलता है और हिंदुस्तान का संविधान हमेशा न्याय प्रिय रहा है। देश में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो गाइडलाइन जारी की है उसका स्वागत करते हैं। हम लोग नमाज पढ़ते वक्त किसी भी तरह का शोर शराबा या लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं करते हैं। नमाज के वक्त लाउडस्पीकर से अजान की जाती है, जिससे मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग अजान सुनकर सुबह उठते हैं। हम मानते हैं कि लाउडस्पीकर को तेज ध्वनि से बजाकर हम ध्वनि प्रदूषण करते हैं, लेकिन हिंदुस्तान हमेशा आस्था का केंद्र रहा है और यहां की गंगा-जमुनी तहजीब से लोग एक-दूसरे को त्योहार पर भेंट कर बधाईयां देते हुए संप्रदायिक भाईचारे की मिसाल देते हैं। लाउडस्पीकर बंद होने से परेशानी तो जरूर आएगी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सोच समझकर यह फैसला दिया होगा।
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लाउडस्पीकर के बिना भी की जा सकती इबादत व पूजा
फतेहपुर। मंदिर के पुजारियों ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे सही बताया। उनका कहना है कि कहीं न कहीं हम आस्था के नाम पर प्रदूषण फैला रहे हैं। इबादत और पूजा बिना लाउडस्पीकर के भी की जा सकती है। इंसान सच्चे मन से भगवान का नाम ले बस यही सच्ची श्रद्धा है, लेकिन आस्था के नाम पर शोर शराबा करना ठीक नहीं है। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों और गिरजा घरों से लाउडस्पीकर हटाए जाने पर सभी धार्मिक गुरुओं ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए समुदाय के लोगों से अपील की है कि वह खुद ध्वनि प्रदूषण के जिम्मेदार हैं। इसलिए उन्हें खुद ही अपने-अपने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को हटा लेना चाहिए।

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