उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा न्याय शुल्क बढ़ोत्तरी से नाराज़ अधिवक्ताओं ने रखी मांगें, मुख्यमंत्री के नाम है ज्ञापन

 

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा न्याय शुल्क पर दस गुना बृद्वि किए जाने से खैर तहसील के अधिवक्ताओं में रोष है। आम जनता को सुलभ व सस्ता न्याय दिए जाने का दावा करने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए अधिवक्ताओं ने अध्यक्ष श्याम कुमार शर्मा की अगुआई में एकत्रित होकर मुख्यमंत्री को सम्बोधित एसडीएम व तहसीलदार खैर को सोंपा।

ज्ञापन के अनुसार प्रदेश की भाजपा सरकार ने न्याय शुल्क पर दस गुना बढोत्तरी कर आम जनता के साथ धोखा किया है। विषम परिस्थितियों से गुजर रहे वादकारियों के लिए सरकार का फरमान तुगलकी आदेश जैसा है। साथ ही सरकार ने कंट्रोल एक्ट अधिनियम 13/1972 को निरस्त कर यूपी नगरीय परिसर किरायेदारी विनियमन अधिनियम 2021 लागू कर समस्त क्षेत्राधिकारी अपर जिलाधिकारी को सोंपकर वादकारियों के साथ अन्याय किया है।

​​​​​​​अधिवक्ताओं ने आदेश में संशोंधन कर क्षेत्राधिकारी फिर से लघुवाद न्यायाधीश को प्रदान किए जाने तथा न्याय शुल्क पर दस से सौ गुना तक की गई टिकट वृद्वि को तत्काल समाप्त करने की मांग की है ताकि सरकार की मंशा के अनुरूप आम जनमानस को सस्ता और सुलभ न्याय मिल सके। ज्ञापन देने वालों में वरिष्ठ अधिवक्ता रघुकुल तिलक गौड, शिशुपाल शर्मा, बृजवासी लाल, प्रेमपाल शर्मा, सुल्तान शर्मा, घनश्याम शर्मा, संजय सारस्वत, सतेन्द्र चौधरी, रामकुमार गौतम, अजय चौहान, विजयकांत शर्मा, मानवेन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे।

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