बसपा मुखिया का पीएम बनने का सपना देखना खुशी की बात, इसके लिए गठबंधन किया तो था पर उन्हें रास नहीं आया
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार शाम लखनऊ के गोसाईगंज में आयोजित रोजा इफ्तार में बसपा प्रमुख मायावती के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मायावती के प्रधानमंत्री बनने का सपना देखना खुशी की बात है। इसीलिए उनके साथ हमारा गठबंधन हुआ था। हम चाहते थे कि गठबंधन बना रहे, जिससे बाबा साहब आंबेडकर को मानने वाले लोग देखते कि आने वाले समय में देश का प्रधानमंत्री कौन बनता। उन्होंने आजम खां की अनदेखी के सवाल पर चाचा शिवपाल पर भी इशारों में निशाना साधा। कहा कि जब आजम पर मुकदमे लग रहे थे तब सवाल उठाने वाले कहां थे? उस वक्त वे आगे क्यों नहीं आए? सपा ने हमेशा आजम का साथ दिया है और आगे भी देगी। बेईमानी से सरकार छीनी गई , हम हारे नहीं उधर, मैनपुरी में अखिलेश ने कहा कि हम (सपा) हारे नहीं हैं, हम लोगों से भाजपा वालों ने बेईमानी से सरकार छीन ली है। अगर साढ़े तीन लाख वोट और ज्यादा होते तो समाजवादी सरकार ही प्रदेश में होती। कहा जब पुलिस लाउडस्पीकर हटवाएगी तो आम आदमी की सुरक्षा कब करेगी। वे गुरुवार को कुर्रा क्षेत्र के गांव नगला मोती में एक निजी कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हिंदू-मुस्लिम को बांटकर बहकाने में लगी है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमला बोला। कहा कि, ‘मैं फिर से सीएम बनने, आगे चलकर पीएम बनने का सपना तो देख सकती हूं, लेकिन देश का राष्ट्रपति बनने का सपना कभी नहीं देख सकती। सपा मुखिया यह अफवाह फैलाना बंद करें। चुनावों में मात खाए अखिलेश विदेश भागने की फिराक में हैं। वहां पहले ही उन्होंने अपना बंदोबस्त कर लिया है।’मायावती ने बयान जारी कर कहा कि यूपी में भाजपा की सत्ता वापसी के लिए सपा जिम्मेदार है। सपा और भाजपा ने मिलकर पूरे चुनाव को हिंदू-मुस्लिम रंग दे दिया और भाजपा सत्ता में आ गई। अब गरीबों, मुसलमानों पर जो जुल्म हो रहे हैं उसके लिए सपा मुखिया जिम्मेदार हैं।मायावती ने कहा कि यदि यूपी में दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग, मुस्लिम व अपर कास्ट का गरीब तबका बीएसपी से जुड़ जाता है तो फिर ये मुझे यूपी का सीएम ही नहीं बल्कि आगे चलकर देश का पीएम भी बना सकते हैं। मायावती ने आरोप लगाया कि रमजान के महीने में जबरदस्त बिजली कटौती की जा रही है। सरकार को इस पर सख्त कदम उठाने चाहिए। सपा की सत्ता में अब वापसी कभी नहीं