वाराणसी पुलिस ने चार बदमाशों को दबोचा,वारदात के नौवें दिन आरोपियों को गिरप्तार

 

वाराणसी में रेशम फर्म के मैनेजर अंकित शुक्ला और उसके साले अश्वनी पांडेय से टैक्स बचाने का झांसा देकर दो करोड़ रुपये की ठगी मामले का वाराणसी पुलिस ने शुक्रवार को खुलासा कर दिया। वाराणसी कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच ने मुंबई और दिल्ली से मास्टरमाइंड समेत चार को गिरफ्तार किया। कब्जे से एक करोड़ 87 लाख नकद, सात मोबाइल, विभिन्न बैंकों के 8 एटीएम कार्ड व अन्य आईडेंटिटी कार्ड बरामद हुए।

यातायात पुलिस लाइन के सभागार में पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने पूरे मामले का खुलासा किया। बताया कि फिल्मी अंदाज में ठगी की वारदात को अंजाम देने वालों में से तीन की गिरफ्तारी मुंबई से और एक अपराधी की गिरफ्तारी दिल्ली एनसीआर से की गई है। चारों से पूछताछ कर आज उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जाएगा।

ये हुए गिरफ्तार
हरियाणा के हिसार थाना अंतगर्त खंजायीचान  निवासी पंकज भारद्वाज (37)  पुत्र शशिकांत शर्मा, नई दिल्ली के करोलबाग टैंक रोड निवासी रोहन खिची (27) पुत्र भगवान सिंह, नई दिल्ली के मलिकागंज सब्जी मंडी निवासी तरुण गौतम (36) पुत्र हीरा चंद और  नई दिल्ली के दशरथपुरी द्वारिका निवासी सचिन शर्मा(40) को गिरफ्तार किया गया। सचिन मूल रूप से नगीना बाग, अजमेर (राजस्थान) का निवासी है। खुलासा करने वाली टीम को एक लाख रुपये पुरस्कार

ठगों के इस शातिर गिरोह को पकड़ने वाली पुलिस टीम को अपर मुख्य सचिव (गृह) उत्तर प्रदेश शासन ने एक लाख रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है। गिरफ्तारी वाली टीम में इंस्पेक्टर अंजनी पांडेय, एसआई राज कुमार पांडेय, एसआई सूरज तिवारी समेत अन्य शामिल रहे।

बीते 20 अप्रैल को वाराणसी के मलदहिया स्थित रेशम फर्म कंपनी के मैनेजर ने चेतगंज थाने में दो करोड़ नगद ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। उसने बताया था कि उसने बताया था कि टैक्स में छूट दिलाने का झांसा देकर कुछ लोग उनसे दो करोड़ रुपये लेकर भाग निकले। उनके साथ दो बाउंसर भी थे। बाद में दोनों बाउंसरों को पुलिस ने पकड़ लिया था। ठगों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीम गठित की गई थी।

तीनों टीमों ने आपसी समन्वय स्थापित रखते हुए सीसीटीवी फुटेज, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और मुखबिर की सूचना के आधार पर आरोपियों को ट्रेस किया। जिनमें से रोहन, पंकज और तरुण को मुंबई स्थित होटल ट्राइडेंट से गिरफ्तार किया। वहीं सचिन को गाजियाबाद के कौशांबी बस स्टैंड से दबोचा गया। सचिन के पास से ही एक करोड़ 87 लाख नकद बरामद हुए।

पूरा मामला ये है 

बंगलूरू की एक रेशम फर्म का ऑफिस मलदहिया में है। अकथा चौराहा निवासी अंकित शुक्ला वहां मैनेजर है। उसी ऑफिस में अंकित का साला अश्वनी भी काम करता है।  अंकित शुक्ला ने तहरीर में बताया था कि अश्वनी की मुलाकात कुछ दिन पूर्व अभिषेक और यश नाम के व्यक्तियों से हुई थी।
दोनों ने अश्वनी को बताया था कि उनके अकाउंट संबंधी समस्याओं के समाधान की फर्म है और एक प्रतिशत कमीशन में हम टैक्स पर बड़ी भारी राहत दिलाते हैं। जिस पर अश्वनी ने उन दोनों की मुलाकात हमसे करवाई और हमने दो करोड़ पर टैक्स की छूट की बात की थी।
अंकित ने बताया कि इसके बाद अपने साले अश्वनी के साथ 20 अप्रैल को अभिषेक और यश के ऑफिस में पहुंचा तो वहां दो बाउंसर संदीप और सोनू भी मिले। अभिषेक और यश ने बताया कि संदीप और सोनू को पैसा गिनने के लिए बुलाया गया है। इसके बाद पहले कमरे में अंकित, अश्वनी, यश और सोनू बैठ गए।
कमरे से ही रुपये से भरा बैग लेकर भाग गए बदमाश
इसी बीच पहले कमरे से सोनू और यश बाहर निकले। थोड़ी देर बाद अश्वनी ने देखा कि दूसरे कमरे में दो करोड़ रुपए के साथ ही अभिषेक भी नहीं था। इस पर अश्वनी और अंकित ने दौड़ा कर संदीप को पकड़ लिया और सूचना पुलिस को दी। संदीप से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने दूसरे बाउंसर सोनू को भी पकड़ लिया।
दोनों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह दिल्ली से आए हुए बाउंसर हैं और उन्हें उनकी फर्म के द्वारा यहां भेजा गया था। इससे ज्यादा वह अभिषेक और यश के बारे में नहीं जानते हैं। तब पुलिस ने चेतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। वारदात के नौवें दिन आरोपियों के गिरप्तार कर लिया गया।
बीते 20 अप्रैल को वाराणसी के मलदहिया स्थित रेशम फर्म कंपनी के मैनेजर ने चेतगंज थाने में दो करोड़ नगद ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। उसने बताया था कि उसने बताया था कि टैक्स में छूट दिलाने का झांसा देकर कुछ लोग उनसे दो करोड़ रुपये लेकर भाग निकले। उनके साथ दो बाउंसर भी थे। बाद में दोनों बाउंसरों को पुलिस ने पकड़ लिया था। ठगों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीम गठित की गई थी।

तीनों टीमों ने आपसी समन्वय स्थापित रखते हुए सीसीटीवी फुटेज, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और मुखबिर की सूचना के आधार पर आरोपियों को ट्रेस किया। जिनमें से रोहन, पंकज और तरुण को मुंबई स्थित होटल ट्राइडेंट से गिरफ्तार किया। वहीं सचिन को गाजियाबाद के कौशांबी बस स्टैंड से दबोचा गया। सचिन के पास से ही एक करोड़ 87 लाख नकद बरामद हुए।

ये है पूरा मामला
बंगलूरू की एक रेशम फर्म का ऑफिस मलदहिया में है। अकथा चौराहा निवासी अंकित शुक्ला वहां मैनेजर है। उसी ऑफिस में अंकित का साला अश्वनी भी काम करता है।  अंकित शुक्ला ने तहरीर में बताया था कि अश्वनी की मुलाकात कुछ दिन पूर्व अभिषेक और यश नाम के व्यक्तियों से हुई थी।

दोनों ने अश्वनी को बताया था कि उनके अकाउंट संबंधी समस्याओं के समाधान की फर्म है और एक प्रतिशत कमीशन में हम टैक्स पर बड़ी भारी राहत दिलाते हैं। जिस पर अश्वनी ने उन दोनों की मुलाकात हमसे करवाई और हमने दो करोड़ पर टैक्स की छूट की बात की थी।
अंकित ने बताया कि इसके बाद अपने साले अश्वनी के साथ 20 अप्रैल को अभिषेक और यश के ऑफिस में पहुंचा तो वहां दो बाउंसर संदीप और सोनू भी मिले। अभिषेक और यश ने बताया कि संदीप और सोनू को पैसा गिनने के लिए बुलाया गया है। इसके बाद पहले कमरे में अंकित, अश्वनी, यश और सोनू बैठ गए।
कमरे से ही रुपये से भरा बैग लेकर भाग गए बदमाश
इसी बीच पहले कमरे से सोनू और यश बाहर निकले। थोड़ी देर बाद अश्वनी ने देखा कि दूसरे कमरे में दो करोड़ रुपए के साथ ही अभिषेक भी नहीं था। इस पर अश्वनी और अंकित ने दौड़ा कर संदीप को पकड़ लिया और सूचना पुलिस को दी। संदीप से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने दूसरे बाउंसर सोनू को भी पकड़ लिया।

दोनों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह दिल्ली से आए हुए बाउंसर हैं और उन्हें उनकी फर्म के द्वारा यहां भेजा गया था। इससे ज्यादा वह अभिषेक और यश के बारे में नहीं जानते हैं। तब पुलिस ने चेतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। वारदात के नौवें दिन आरोपियों के गिरप्तार कर लिया गया।

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