बहुआ में मंदिर के पीछे जेसीबी से हो रही तालाब पुराई, जिम्मेदार अनभिज्ञ

फतेहपुर। उच्चतम न्यायालय और शासन भले ही तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करा कर पुरानी शक्ल बहाल करने का दम्भ भर रहा है, लेकिन जिले के भू-माफिया तालाबों पर अतिक्रमण करने से बाज नहीं आ रहे। ताजा मामला बहुआ कस्बा से बरौटी-तपनी मार्ग पर स्थित झकड़ी बाबा मंदिर के पीछे के तालाब का प्रकाश में आया है। शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियों तालाब की जेसीबी के सहारे पुराई की जा रही है। प्रशासन इस मामले में पूरी तरह से अनभिज्ञ बना रहा है। जिम्मेदार कहते हैं कि उनके पास कोई ऐसी शिकायत ही नहीं आई।
ललौली थाना के बहुआ कस्बा से बरौटी-तपनी गांव को जाने वाली सड़क के किनारे स्थित झकड़ी बाबा मंदिर के पीछे एक बड़ा तालाब है। इस तालाब पर दबंगों की निगाह लग गई। भीषण गर्मी के मौसम में जब लोग लू और धूप से बचने के लिए घरों में सुबह से कैद हो जाते हैं तो भू-माफिया जेसीबी के सहारे इस तालाब की पुराई करने में जुटे रहते हैं। मामला तब प्रकाश में आया जब तालाब की पुराई करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से तैरने लगा। जिले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की मौजूदगी के चलते व्यस्त प्रशासनिक अमला तालाब की पुराई होने की बात से पूरी तरह अनभिज्ञ बना रहा। बीते करीब एक दशक से तालाबों को अवैध कब्जा से मुक्त करा कर पुरानी शक्ल में तब्दील करने के उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के बाद से सरकारें लगातार तालाबों को अतिक्रमण मुक्त बनाने का दावा करती आ रही है। योगी सरकार भी बीते पांच साल से अब तक लगातार यही दावा कर रही है, लेकिन जनपद में योगी सरकार के इस फरमान को पंख नहीं लग पा रहा हैं। वैसे इसके कई कारण हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण माफियाओं को खादी और सत्ता का संरक्षण माना जा रहा है। जनता का आरोप है कि कोई गरीब का घर अगर तालाब के किनारे बना है तो उसके लिये सभी जिम्मेदार बन जाते हैं, लेकिन जब कोई धनवान, माफिया तालाब पुराई कर कब्जा करने या फिर तालाबी भूमि की प्लाटिंग करता है तो कोई सुनने वाला नहीं है।
इनसेट-
तालाब पर क्या बोले लेखपाल
फतेहपुर। बहुआ के जखड़ी बाबा मंदिर के पीछे स्थित तालाब की पुराई के मामले में स्थानीय लेखपाल ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि करीब 15 बीघा का यह तालाब काफी पुराना है। तालाब भूमिधारी है और इसमें करीब 50 सहखातेदार हैं। वही लोग पुराई कर रहे हैं। तालाब पुराई का किसी सक्षम अधिकारी से आदेश के सवाल का जवाब देते हुए लेखपाल ने कहा कि किसी अधिकारी का कोई आदेश नहीं है। वह लोग स्वयं पुराई कर रहे हैं। भूमिधारी होने के कारण उन्हें पुराई करने से रोंका नहीं गया और न ही मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में ही लाया गया। घटते भूगर्भ जल स्तर पर तालाब की पुराई जनता के बीच चर्चा का विषय बनी है।

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