फतेहपुर। मलवां ब्लाक के ग्राम रेवाड़ी बुजुर्ग में तीन सौ वर्ष पुराना बड़ा शिव मंदिर (छोटा शिवाला) समय से मरम्मत कार्य न होने के कारण जीर्णशीर्ण अवस्था में हो गया था। जनपद में कई पुरातन धरोहर रूप में धार्मिक स्थल हैं जिन्हे सरकार द्वारा समय से देखरेख और मरम्मत के कार्य न कराने के कारण गिरने की स्थित में आ चुके है। जनपद के प्रसिद्ध पुरातन धरोहरों की दयनीय स्थिति को देखकर श्रद्धालु भक्त चिंतित रहते है, किंतु समस्या का सरकार द्वारा कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा रहा। सरकार को चाहिए कि प्रत्येक ग्राम पंचायत ने स्थापित पुरानी धरोहरों का अवलोकन कराकर मरम्मत कार्य प्रारंभ कराना चाहिए जिससे संस्कृति और पुरातन धरोहरें सुरक्षित रहे।
वर्तमान में कानपुर शहर के हर्ष नगर निवासी शैलेन्द्र बाजपेई ने जब मन्दिर को ढहने की स्थिति में देखा तो रेवाड़ी बुजुर्ग में स्थापित शिवाला मंदिर के जीर्णाेद्धार कराने का संकल्प लिया और आज से निर्माण कार्य शुरू भी करा दिया। मंदिर जीर्णाेद्धार का कार्य रेवाड़ी बुजुर्ग निवासी समाजसेवी भाजपा नेता अजीत सैनी की देखरेख में प्रारम्भ हो चुका है। क्षेत्र की जनता ने इस नेक कार्य की बखूबी प्रसंशा भी किया और सरकार से धरोहर को सुरक्षित न करने पर चिंता भी जताई। समाजसेवी अजीत सैनी ने बताया कि गांव में यह मंदिर बहुत पुराना है। इस मंदिर में दूर दूर से लोग दर्शन और पूजन करने के लिए आते रहते है और लोगों की आस्था और श्रद्धा जुड़ी हुई है। मंदिर को बनाने का जो संकल्प लेकर निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ है इसे सुनकर भक्त अति प्रसन्न हुए है। साथ ही मंदिर में जो नक्काशी बनी हुई वह बहुत ही प्राचीन और सुंदर बनी हुई है और यह मन्दिर चीनी मिट्टी से बनाया गया है। मंदिर की नक्काशी से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह मंदिर लगभग लगभग 300 वर्ष पुराना होंगा। ऐसे नक्कासी दार मंदिर आज के समय में बनवाना बड़ा कठिन है और बहुत कम ही देखने को मिलते है। वर्तमान सरकार धर्म और आस्था का विशेष ध्यान दे रही है। ऐसे में सरकार को जनपद के मंदिरों का जीर्णाेधार के लिए भी चिंतन करनी चाहिए क्योंकि स्वच्छ भारत के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में मंदिर तालाब बाग बगीचे आदि की सुंदरता से ही भारत को सुंदर बनाया जा सकता है।