सच्चाई जानकर पुलिस से लेकर परिवार तक हैरान, प्रेमी ने खोला बड़ा राज

उन्नाव जिले में बांगरमऊट के नर्सिंगहोम में फंदे से लटकी मिली नर्स की मौत की घटना में दुष्कर्म और हत्या के आरोपों को पुलिस ने खारिज कर दिया है। पुलिस के अनुसार प्रेमी के शादी करने से इनकार पर युवती ने फंदे से लटककर जान दी थी। आरोपों में घिरे नर्सिंगहोम संचालक समेत अन्य को पुलिस क्लीनचिट देने की तैयारी कर रही है। एसपी और एएसपी ने रविवार को हिरासत में लिए गए प्रेमी से पूछताछ की और नर्सिंगहोम का निरीक्षण भी किया। बांगरमऊ क्षेत्र के ग्राम दुल्लापुरवा में संचालित न्यू जीवन नर्सिंग होम की छत पर शनिवार सुबह नर्स का शव लटका मिला था। उसकी मां ने नर्सिंग होम संचालक नूर आलम, चांद आलम, अनिल कुमार सहित पांच पर सामूहिक दुष्कर्म व हत्या का आरोप लगाकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। देर शाम आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिंग से मौत की पुष्टि होने के बाद घटना ने नया मोड़ ले लिया। एसपी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि मृतका के मोबाइल की कॉल डिटेल के आधार पर जांच की गई तो पता चला कि बांगरमऊ के मुस्तफाबाद निवासी संदीप राजपूत से युवती का प्रेम प्रसंग था। संदीप को कोतवाली लाकर पूछताछ की गई।उसने बताया कि वह एंबुलेंस चलाता है। डेढ़ साल से उसका नर्स से प्रेम प्रसंग चल रहा था। उसने 28 अप्रैल को युवती को दुल्लापुरवा स्थित न्यू जीवन नर्सिंगहोम में नर्स के काम पर रखवा दिया।युवती दूसरे संप्रदाय की थी और उससे शादी करने का दबाव बना रही थी। रात में युवती ने उसे कई बार फोन मिलाया पर उसने फोन नहीं उठाया। इससे युवती आहत थी। शादी से मना करने पर उसने आत्महत्या कर ली। एसपी ने बताया कि प्रथमदृष्टया दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है।स्लाइड को जांच के लिए भेजा गया है। आसीवन में उसके पैतृक गांव में शव का अंतिम संस्कार किया गया। एसपी ने बताया कि संदीप के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।मृतका की मां की ओर से जिन लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, जांच के आधार पर उन्हें राहत दी जाएगी। कोतवाल बृजेंद्र नाथ शुक्ल ने बताया कि मृतका के मोबाइल में पड़ा सिम भी संदीप की आईडी से ही खरीदा गया है।सपा जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह यादव, जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र शुक्ला, पूर्व विधायक बदलू खां आदि मृतक युवती के गांव पहुंचे। परिजनों ने उन्हें बताया कि मामले को जानबूझ कर पुलिस दबाव में सुसाइड का केस बना रही है। मांग की है कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल ने परिवार को न्याय दिलाने का पूरा भरोसा दिलाया।नर्सिंग होम का पंजीकरण न होने की जानकारी पर रविवार को सीएमओ ने एसीएमओ डॉ. ललित कुमार को जांच के लिए भेजा। दोपहर बाद पहुंचे एसीएमओ को वहां ताला बंद मिला। वह किसी का बयान भी दर्ज नहीं कर पाए।उसके बाद वह सीधे कोतवाली पहुंचे। वहां कोतवाल बृजेंद्रनाथ शुक्ला को अस्पताल का पंजीकरण न होने का लिखित बयान दर्ज कराया। सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि जांच पूरी नहीं हो पाई।

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