21 वीं सदी में महिलाओं ने विविध क्षेत्रों में तय किए नए आयाम – घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा विषयक पर महाविद्यालय में हुई संगोष्ठी

 

फतेहपुर। डॉ. भीमराव अंबेडकर राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ0 अपर्णा मिश्रा के संरक्षण में मिशन शक्ति के तत्वावधान में उर्दू विभाग की ओर से घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा विषयक पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत द्विवेदी ने कहा कि भारत में महिलाओं की स्थिति ने पिछली कुछ सदियों में बड़े बदलावों का सामना किया है। प्राचीन काल में पुरुषों के साथ बराबरी की स्थिति से लेकर मध्यकाल के निम्नस्तरीय जीवन और साथ ही कई सुधारकों द्वारा समान अधिकारों को बढ़ावा दिए जाने तक भारत में महिलाओं का इतिहास काफी गतिशील रहा है।
उन्होने कहा कि 19 वीं सदी के मध्यकाल से लेकर 21 वीं सदी आते-आते महिलाओं ने शैक्षिक, राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, प्रशासनिक, खेलकूद आदि विविध क्षेत्रों में नए आयाम तय किए। साथ ही उन्होंने कहा कि एक सिक्के के दो पहलू होते हैं, महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ जो कानून बनाए गए हैं उनका दुरुपयोग भी किया जा रहा है जिस कारण बहुत से पुरुषों को बेकसूर प्रताड़ित किया जाता है। उन्होंने छात्राओं को यही संदेश दिया कि आपको मिशन शक्ति के तहत खुद में कॉन्फिडेंस पैदा करना है और कानून का दुरुपयोग नहीं करना है। उन्होंने केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं जैसे मिशन शक्ति ग्रामीण, उज्जवला, बेटी-बचाओ-बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, कन्या सुमंगला योजना आदि का भी जिक्र किया। कार्यक्रम का संचालन उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ. जिया तसनीम ने किया। धन्यवाद ज्ञापन मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी/संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. चारु मिश्रा ने किया। इस अवसर पर डॉ0 सरिता गुप्ता, डॉ0 शोभा सक्सेना, डॉ0 गुलशन सक्सेना, डॉ0 शकुंतला, डॉ0 हेमंत कुमार निराला, श्री रमेश सिंह, डॉ0 प्रतिमा गुप्ता, डॉ0 मीरा पाल, डॉ0 उत्तम कुमार, डॉ0 लक्ष्मीना भारती, डॉ0 अजय कुमार, बसंत कुमार, शरद चंद्र रॉय, डॉ0 अनुष्का छौंकर, डॉ0 राज कुमार सहित पूरा महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।

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