मदर्स डे: मां तो कुदरत का है अनमोल तोहफा -बच्चों ने घरों में सजावट कर मां को दिए तोहफे, दिन बनाया यादगार

फतेहपुर। दुनिया में किसी बच्चे के लिए मां से बढ़कर कोई सौगात कोई तोहफा नहीं है। मां वो शब्द है जिसे लफ्जों में बयान नहीं किया जा सकता। वह तो बस महसूस की जाने वाली हस्ती होती है। पूरी दुनिया का प्यार और स्नेह अपने आप में समेटने वाली शख्सित अगर दुनिया में कोई है तो वह मां ही है। अपने बच्चों से बिना किसी लालच के बेपनाह मोहब्बत न्योछावर करने वाली मां है। मां के लिए हम आजीवन बच्चे ही रहते हैं। मां को सम्मान देने के लिये उनके नाम भले ही एक दिन समर्पित है लेकिन माँ के त्याग को देखते हुए माँ के लिये आजीवन हर दिन समर्पित है। पूरी दुनिया मे मनाये जाने वाले मदर्स डे मई महीने के दूसरे संडे को सेलीब्रेट किया जाता है। वर्ष 2022 में मदर्स डे 8 मई को उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है। दुनिया भर की तरह जनपद में भी हर्ष व उल्लास के साथ लोगों ने अपने-अपने घरों में अपने-अपने अंदाज में मदर्स डे को सेलिब्रेट किया। बेटियो ने घरो में केक व पसंदीदा पकवान बनाने के साथ सजावट कर मां को न सिर्फ उनके लिये खास दिन का एहसास कराया बल्कि उन्हें गिफ्ट भी दिये बच्चों के इस प्यार से अभिभूत मां ने बच्चों को दुलारते हुए सर पर हाथ रखा और उनके लिये कामयाबी और यश हासिल करने के साथ ही दुनिया की बालाओं से महफूज रखने की ढेरों दुआयें भी दी। मदर्स-डे पर आम तौर पर बच्चों ने अपने-अपने मां को फूल व गिफ्ट दिये और उनके साथ दिन बिताया और उनके इस खास दिन का एहसास भी कराया। शहर के पनी मोहल्ला निवासी प्रशान्त एडवोकेट के बच्चो ने अपनी मां को उपहार भेटकर प्यार कर इस खास दिन को यादगार बनाया। इसी तरह तमाम बच्चों ने अपने-अपने अंदाज में मातृ दिवस पर मां को प्यार व उपहार देकर यादगार बनाने का काम किया।
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क्यों मानया जाता है मदर्स डे
मदर्स डे की शुरुआत पर कई किस्से प्रचलित हैं। माना जाता है कि एना जार्विस नामक एक अमेरिकी महिला ने मदर्स डे मनाने की शुरुआत की थी। कहा जाता है कि एना अपनी मां से बहुत प्यार करती थी और उनसे बहुत प्रेरित थी। ऐना अविवाहित थीं और अपनी मां के निधन के बाद उनके प्रति सम्मान दिखाने के लिए इस खास दिन की शुरुआत की। एक अन्य किस्से के मुताबिक मदर्स डे सेलिब्रेट करने की शुरुआत ग्रीस से हुई है। ग्रीस के लोग अपनी माताओं के प्रति विशेष सम्मान रखते थे। इस सम्मान को दर्शाने के लिए वे इस दिन उनकी पूजा करते थे। मान्यताओं के अनुसार स्यबेले ग्रीक देवताओं की मां थीं और ग्रीस के लोग आज ही के दिन स्यबेले की पूजा किया करते थे।
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मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है मदर्स डे
वर्ष 1914 में अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक कानून पास कर मई के महीने की दूसरी रविवार को मातृ दिवस मनाने का निर्णय लिया। तब से भारत समेत दुनिया भर में मई माह के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाया जाने लगा।

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