पौली मुशायरा-कवि सम्मेलन में गूंजे सद्भाव के नगमे – जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक सहित विशिष्टजनों का रहा जमावड़ा
खागा/फतेहपुर। क्षेत्र के पौली इंटर कॉलेज पौली में पूर्व चेयरमैन महमूद अहमद सिद्दीकी के संरक्षण एवं महबूब अहमद सिद्दीकी के संयोजन में एक शाम कौमी एकता के नाम आयोजित मुशायरा एवं कवि सम्मेलन में राष्ट्रीय एकता, अखंडता, भाईचारा, अम्न-ओ-अमान, मोहब्बत के नगमे गूंजे। जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक, चेयरमैन सहित अनेक विशिष्ट लोगों ने कार्यक्रम का आनंद उठाया। संचालन शिवशरण बंधु हथगामी ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह उर्फ पप्पू, जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह मुन्ना, वरिष्ठ पत्रकार राजेश माहेश्वरी, हनुमंत सिंह, शिवचंद्र शुक्ल आदि अनेक विशिष्ट लोगों ने शमा जलाकर किया। आलम सुल्तानपुरी ने नाते-पाक एवं शोभनाथ फैजाबादी की सरस्वती वंदना के बाद कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत हुई। मुशायरा कवि सम्मेलन के सर्वेसर्वा पूर्व चेयरमैन महमूद अहमद सिद्दीकी ने सभी अतिथियों एवं कवियों- शायरों का बैज अलंकरण एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया। इंटरनेशनल शायर मंजर भोपाली ने प्यार के कटोरे में गंगा का पानी गीत से भारत की मिली-जुली तहजीब और मोहब्बत का पैगाम दिया। वो कहीं तो मिले वो कभी तो मिले, ख्वाब ही में सही जिंदगी तो मिले, आदमियत को आंखें तरसने लगीं, इस जहां में कोई आदमी तो मिले जैसे दिल को छू लेने वाले कलाम पेश किए। इंटरनेशनल शायर हाशिम फिरोजाबादी ने तिरंगे की शान में शानदार कलाम पेश किए-अब न हो मुल्क में कोई दंगा कभी और मैली न हो अब ये गंगा कभी, आइए आज हम मिलके खाएं कसम, झुकने देंगे न हाशिम तिरंगा कभी। आलम सुल्तानपुरी ने पढ़ा-चले तो साथ थे राहों से कट गए हम लोग, न जाने कितने कबीलों में बंट गए हम लोग। संचालन कर रहे जाने-माने कवि एवं शायर शिवशरण बंधु हथगामी ने पढ़ा-उनसे पूछो कितनी मुश्किल यार उठानी पड़ती है, मझधारों के बीच जिन्हें पतवार उठानी पड़ती है, पहुंच नहीं जाता है कोई रातों-रात बुलंदी पर, छत पड़ने से पहले तो दीवार उठानी पड़ती है। मख़दूम फूलपुरी की मां पर सुनाई गई कविता ने श्रोताओं को भावुक कर दिया। दुलार करती हो चिड़िया जब अपने बच्चों को, तुम ऐसे वक्त में उनका शिकार मत करना। फैजाबाद से आए शोभनाथ फैजाबादी ने गीतों से समा बांध दिया-मैंने पूछा कि जिंदगी क्या है, एक तिनका उठाके तोड़ दिया। लखीमपुर से आई कवियत्री रंजना सिंह हया ने अपने कलाम से बहुत प्रभावित किया-बहते दरिया को मोड़ने की मत सोचो, कोरी चादर है इसे तोड़ने की मत सोचो। तरन्नुम नाज, शैदा मुआरवी आदि ने भी शानदार पढ़ा। हास्य सम्राट मधुर श्रीवास्तव नर कंकाल एवं पपलू लखनवी ने श्रोताओं को खूब हंसाया और गुदगुदाया। मुशायरा कवि सम्मेलन की शुरुआत युवा कवि शिवम हथगामी ने शानदार ढंग से की। क्षेत्रीय विधायक कृष्णा पासवान, पूर्व विधायक मुरलीधर गौतम, नगर पालिका परिषद फतेहपुर के चेयरमैन प्रतिनिधि हाजी रजा, चेयरमैन गीता सिंह, व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष शिवचंद्र शुक्ला, डॉ शमीम समाजसेवी, प्रवीण पांडेय, शब्बीर चेयरमैन, राजेंद्र सिंह एडवोकेट, कामरेड मोतीलाल, कलीम उल्ला, शकील सिद्दीकी आदि अनेक विशिष्ट लोग मौजूद रहे। आभार महमूद अहमद सिद्दीकी ने व्यक्त किया।