देहरादून, उत्तराखंड में राशन कार्ड निरस्त होने से लोगों के निशुल्क इलाज पर भी संकट खड़ा हो गया है। जिन लोगों ने अभी तक आयुष्मान कार्ड नहीं बनाए हैं और उनके पास कार्ड बनाने के लिए राशन कार्ड के अलावा कोई दूसरा दस्तावेज नहीं है उनके अब आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाएंगे। ऐसे लोगों को फिर पांच लाख रुपये तक के निशुल्क इलाज की योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। पांच लाख रुपये तक के निशुल्क इलाज की आयुष्मान योजना के कार्ड अभी तीन दस्तावेजों के आधार पर बनाए जा रहे हैं। इनमें राशन कार्ड, सामाजिक आर्थिक सर्वे का डेटा और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का डेटा शामिल है। राज्य में अभी तक आयुष्मान योजना के तहत 47 लाख कार्ड बन चके हैं लेकिन आठ लाख के करीब लोग ऐसे हैं जिनके कार्ड अभी तक नहीं बन पाए हैं
आयुष्मान योजना को संचालित कर रही स्टेट हेल्थ एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि आयुष्मान कार्ड अभी तीन डेटा के आधार पर बनाया जाता है। यदि किसी के पास इनमें से कोई भी दस्तावेज नहीं होगा तो कार्ड नहीं बन पाएगा। इन लोगों के सामने खड़ी हुई समस्या : जिन लोगों के आयुष्मान कार्ड अभी तक नहीं बने समस्या उनके सामने खड़ी होने जा रही है। खाद्य सुरक्षा विभाग 15 हजार रुपये से अधिक मासिक आय वाले लोगों के राशन कार्ड सरेंडर करवा रहा है। ऐसे व्यक्ति ने यदि अभी तक कार्ड नहीं बनाया और उसका नाम एमएसबीवाई या सामाजिक आर्थिक सर्वे के डेटा में नहीं है तो राशन कार्ड निरस्त होने के बाद उनके पास कार्ड बनाने को अन्य कोई दस्तावेज नहीं रहेगा। जब कार्ड ही नहीं बनेगा तो निशुल्क इलाज भी नहीं बन पाएगा।
अन्य विकल्प देने का प्रस्ताव : सरकार ने पूर्व में आयुष्मान कार्ड के लिए वोटर आईडी कार्ड, आधार और मार्कशीट जैसे दस्तावेज भी मान्य करने का निर्णय लिया था लेकिन कैबिनेट की सहमति के बावजूद अभी तक इस पर अमल नहीं हो पाया है। इस वजह से अब लोगों के सामने बड़ी समस्या खड़ी होने वाली है। स्टेट हेल्थ एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि राशन कार्ड की वजह से यदि दिक्कत आती है तो इन विकल्पों के आधार पर कार्ड बनाए जाएंगे। हालांकि यह तभी संभव होगा जब सरकार इस संदर्भ में आदेश कर देगी।