ताजमहल की शाही मस्जिद में नमाज पढ़ने में 4 पर्यटकों को CISF ने पकड़ लिया। इनमें 3 पर्यटक हैदराबाद, जबकि एक आजमगढ़ का रहने वाला है। CISF ने चारों पर्यटकों को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने इन चारों के खिलाफ ताजगंज थाने में केस दर्ज किया है। गुरुवार को इन सभी को कोर्ट में पेश किया जाएगा। ताजमहल मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष ने इस कार्रवाई पर नाराजगी जताई है।
मामला बुधवार का है। गाइड विनय कुमार ने बताया कि चारों पर्यटकों को ताजमहल दिखाने के लिए लखनऊ से लाया था। शाम के समय जब वे ताजमहल पहुंचे तो वहां उन्होंने शाही मस्जिद में कुछ लोगों को नमाज पढ़ते हुए देखा। इसके बाद वह नमाज पढ़ने के लिए बैठ गए। फिर जैसे ही वो उठे, CISF और ASI यानी भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण विभाग के कर्मचारियों ने उन चारों को पकड़कर ताजगंज पुलिस के हवाले कर दिया।
इस मामले में अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल का कहना है कि एक्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, ताजमहल की मस्जिद में केवल शुक्रवार का दिन नमाज पढ़ने के लिए नियत है। बाकी दिन नमाज नहीं पढ़ सकते हैं।
ताजमहल एक संरक्षित स्मारक है। 2018 में ताजमहल में हर दिन नमाज पढ़ने की याचिका दायर की गई थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था। यानी, शुक्रवार को छोड़कर बाकी दिनों में नमाज नहीं पढ़ सकते हैं। पुलिस ने बताया कि पाबंदी के बावजूद नमाज पढ़ने के मामलें में चारों पर्यटकों के खिलाफ धारा-153 में केस दर्ज कर लिया है।
ताजमहल मस्जिद की इंतजामिया कमेटी का विरोध
ताजमहल मस्जिद की इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष इब्राहिम जैदी ने नमाज पढ़ने पर पर्यटकों को पकड़े जाने का विरोध किया है। उन्होंने कहा, “ताजमहल की मस्जिद में कहीं भी ऐसा नहीं लिखा कि यहां पर केवल शुक्रवार को नमाज पढ़ी जाएगी। मस्जिद देखकर चारों पर्यटक नमाज पढ़ने गए थे। यहां पर हमेशा से नमाज पढ़ी जाती रही है।”
जैदी ने आगे कहा, “ASI की ओर से कुछ समय से नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी गई है। इसके लिए हमने लिखित में आदेश भी मांगा है, लेकिन कोई जानकारी नहीं दी गई। ASI ने चारों पर्यटकों को नमाज पढ़ने से पहले क्यों नहीं रोका? अगर मस्जिद में नमाज पढ़ना मना है, तो वहां पर बोर्ड लगाएं, ताकि पर्यटकों को इसकी जानकारी हो सके।”