डंप की आड़ मंें चल रहा मौरंग के अवैध खनन का खेल – खनन के खेल में मनी, मीडिया, माफिया का गठजोड़ – रानीपुर व सलेमपुर खदान में माफिया बिना रवन्ना डंप कर रहे मौरंग
खागा/फतेहपुर। मानसून आने की दस्तक के साथ ही धाता क्षेत्र में रानीपुर व सलेमपुर खदान में मौरंग का अवैध खनन व परिवहन का खेल बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है। मौरंग माफिया दिन-रात नदियों का सीना छलनी कर अवैध रूप से मौरंग को डंप करने का काम कर रहे हैं। ताकि बरसात के समय मौरंग को महंगे दामों पर बेचा जा सके। यह पूरा खेल खनन व पुलिस विभाग के अधिकारी खुली आंखों से देख रहे हैं लेकिन किसी भी प्रकार की कार्रवाई नही की जा रही है। आलम यह है शासन के सख्त दिशा-निर्देश के बावजूद भी खनिज अधिकारी विशेष रूचि नही ले रहे हैं। तहसील क्षेत्र में रानीपुर व सलेमपुर खदान में मौरंग का अवैध खनन होना कोई नई बात नही है, लेकिन सवाल सिर्फ अवैध खनन का नही है। मौरंग माफिया मानसून आने की संभावना के चलते यमुना नदी का सीना छलनी कर लाल मौरंग को बड़े पैमाने पर डंप करने में लगे हुए हैं। आलम यह है कि एक भंडारण व विक्रय के लाइसेंस पर कई-कई स्थानों पर मौरंग को डंप किया जा रहा है। अवैध खनन, परिवहन डंप को लेकर खनन, पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी कोई कार्रवाई नही कर रहे हैं। क्षेत्र की सभी मोरंग खदानों में अंडरलोड का दिखावा जारी है। खदान संचालक दिन भर अंडरलोड वाहन निकालते हैं। अधिकारियों की नजर में धूल झोंकने के लिए यह काम बीते दो दिनों से चल रहा है। वहीं शाम ढलते ही सड़कों पर ओवरलोड मोरंग लदे वाहनों की भरमार लग जाती है। खास बात, खदानो में रात के अंधेरे में जबरदस्त खनन हो रहा है। डंप के जरिए करोड़ों कमाने के चक्कर में खदान संचालक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ताजा उदाहरण धाता क्षेत्र में संचालित रानीपुर व सलेमपुर खदान का लीजिए। यहां पर रात के अंधेरे में प्रतिदिन 100-150 डंपर मोरंग निकाली जाती है। जिसे अढ़ैया गांव के समीप सड़क किनारे डंप किया जाता है।