मूसेवाला के शरीर में मिले 24 गोलियों के निशान, छलनी शव देख पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर भी कांपे

 

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में सोमवार को पंजाब पुलिस के हाथ कई महत्वपूर्ण सुराग लगे हैं। पंजाब पुलिस की सूचना पर उत्तराखंड पुलिस ने हत्यारों के एक मददगार को शिमला बाईपास के पास दबोच लिया है। इसी ने हत्यारों को गाड़ी और हथियार मुहैया कराए थे। पुलिस को एक और सीसीटीवी फुटेज मिला है, जिसमें छह संदिग्ध लोग मानसा के ढाबे में बैठे हैं। इसकी भी जांच की जा रही है। वहीं देर शाम मानसा सिविल अस्पताल में मूसेवाला के शव का पांच डाक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया। प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक मूसेवाला के शरीर को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। उसके शरीर पर गोलियों के 24 निशान मिले हैं। एक गोली सिर की हड्डी में फंसी हुई थी। बाएं फेफड़े और लिवर पर गोलियों की बौछार से अधिक खून बह गया, जो मूसेवाला की मौत का कारण बनी। हमलावरों ने 30 राउंड फायरिंग की थी।

दूसरी तरफ सिद्धू के पिता बलकौर सिंह की मांग को स्वीकार करते हुए पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हत्याकांड की जांच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मौजूदा जज की अध्यक्षता से कराने का एलान किया।

इस संबंध में पंजाब सरकार के गृह विभाग ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को पत्र भेजा है, जिसमें मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से आग्रह किया गया है कि इस पत्र को तुरंत चीफ जस्टिस के ध्यान में लाते हुए उपरोक्त मामले की जांच मौजूदा जज को सौंपी जाए।

मोगा के धर्मकोट में मिली आल्टो कार
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद भाग रहे हमलावरों ने जो आल्टो कार छीनी थी, वह मोगा जिले के धर्मकोट इलाके में लावारिस हालत में मिली है। इस बीच, मोगा पुलिस ने मूसेवाला हत्याकांड में मोगा के जगदेव सिंह को नकोदर से हिरासत में लिया है। हालांकि पुलिस ने मोगा निवासी को हिरासत में लेने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

असाल्ट राइफल का इस्तेमाल देख एजेंसियां चकराईं
सिद्धू मूसेवाला पर गैंगस्टरों ने जिन तीन हथियारों से गोलियां बरसाई थीं, उनमें एक असाल्ट राइफल एएन-94 भी शामिल थी। इस हथियार के उपयोग ने खुफिया एजेंसियां भी चकरा गई हैं, क्योंकि इस असाल्ट राइफल का उपयोग केवल सशस्त्र सेनाओं द्वारा ही किया जाता रहा है।

यह पहला मौका है जब यह हथियार गैंगस्टरों के पास होने की पुष्टि हुई है। उल्लेखनीय है कि इसी महीने के आरंभ में मोहाली में इंटेलिजेंस विंग के मुख्यालय पर हुए आरपीजी हमले से भी यह बात सामने आई थी कि गैंगस्टर और आतंकी कंधे पर रखकर दागी जाने वाली रूसी मिसाइलों का इस्तेमाल करने लगे हैं।

डीजीपी ने दिया स्पष्टीकरण, बोले सिद्धू को गैंगस्टरों से नहीं जोड़ा 
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के दखल के बाद पंजाब पुलिस के डीजीपी वीके भावरा ने सोमवार को अपने बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी सिद्धू मूसेवाला को गैंगस्टरों के साथ नहीं जोड़ा। उल्लेखनीय है कि रविवार शाम को डीजीपी ने प्रेस कांफ्रेंस में सिद्धू की हत्या की वजह गैंगवार बताया था।

सोमवार को सिद्धू के पिता ने डीजीपी पर आरोप लगाते हुए स्पष्टीकरण मांगा था कि उनके बेटे ने देश-विदेश में नाम कमाया और उसकी हत्या की वजह गैंगवार बता रहे हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इस मामले में दखल दिया और डीजीपी को स्पष्टीकरण के निर्देश दिए।

डीजीपी ने कहा कि वह सिद्धू मूसेवाला का दिल से सम्मान करते हैं और वह पंजाब के प्रसिद्ध कलाकार और संस्कृति के प्रतीक हैं। डीजीपी ने कहा कि उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि मूसेवाला गैंगस्टर हैं या गैंगस्टरों के साथ जुड़े हैं।

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