श्रद्धा के साथ मनाया गुरु अर्जन देव का 416 वां शहीदी दिवस – गुरूद्वारे के बाहर शर्बत पिलाकर राहगीरों का गला कराया तर

फतेहपुर। शहर के रेलवे स्टेशन रोड स्थित गुरूद्वारे में शुक्रवार को सिक्खे के पांचवे गुरू अर्जन देव जी का शहीदी दिवस गुरूद्वारा सिंह सभा के प्रधान पपिंदर सिंह की अगुवाई में श्रद्धा के साथ मनाया गया। गुरूद्वारे में सबद कीर्तन के पश्चात शर्बत पिलाकर राहगीरों का गला तर कराया। कार्यक्रम में सिक्ख समुदाय के लोग बड़ी संख्या में जुटे और गुरू अर्जन देव के सिद्धांतों पर चलने का आहवान किया।
ज्ञानी गुरुवचन सिंह ने बताया कि गुरु अर्जन देव सिखों के पांचवे गुरु थे। गुरु अर्जन देव जी सभी धर्मों के संभाव मानवता के आदर्शों पर कायम रहने का उपदेश देते और मानवता के सच्चे पुजारी थे। गुरु अर्जन देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1563 ई. को अमृतसर में हुआ था। उनके भीतर सहृदयता, कर्तव्य निष्ठा जैसे गुण कूट-कूटकर भरे हुए थे। जिसे देखकर गुरि अर्जन देव जी के पिता गुरु रामदास जी ने उन्हें 1581 ई. में सिखों के पांचवें गुरु के रूप में गुरु गद्दी पर बिठाया। इस दौरान उन्होंने गुरुग्रंथ साहिब का संपादन किया। जिसमें गुरु अर्जन देव जी ने खुद की बनाई 30 रागों में 2,218 शब्दों को भी गुरुग्रंथ साहिब में दर्ज किया। गुरु अर्जन देव जी ने तेरा कीआ मीठा लागे, हरि नाम पदारथ नानक मागे शब्द का उच्चारण करते हुए सन् 1606 में अमर शहीदी प्राप्त की। कहते हैं कि मुगल शासक जहांगीर ने लाहौर में जून 1606 को बहुत अधिक यातना देकर शहीद कर दिया। इस दिन को छबील दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर जतिंदर पाल सिंह, लाभ सिंह, नरिंदर सिंह, जसवीर सिंह, दर्शन सिंह, चरनजीत सिंह, वरिंदर सिंह, सतपाल सिंह, ग्रेटी, शरनपाल सिंह, गुरमीत सिंह, सोनी सिंह, तजिंदर सिंह, सिमरन सिंह, कुलजीत सिंह, सतनाम सिंह, मंजीत सिंह, डॉ. अनुराग श्रीवास्तव, गोलू गुप्ता, मनमीत सिंह, के अलावा जसवीर कौर, हरविंदर कौर, हरजीत कौर, हरमीत कौर, मंजीत कौर, सिमरन, जसपाल कौर, गुरचरण कौर, जसप्रीत कौर, प्रीति कौर, ज्योति मालिक, खुशी, सतबीर कौर, ईशर कौर मौजूद रहे।

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