अधिशासी अधिकारी नगर पालिका ने किया वृक्षारोपण

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अधिशासी अधिकारी नगर पालिका ने किया वृक्षारोपण

हरिशंकरी पीपल, बरगद व पाकड़ के सम्मिलित रोपण को हरिशंकरी कहते हैं। ईओ नगर पालिका

ब्यूरो संजीव शर्मा

 इटावा अंबेडकर चौराहा अधिशाषी अधिकारी के आवास पर हरि शंकरी का वृक्षा रोपण करते हुए अधिशासी अधिकारी विनय कुमार मणि त्रिपाठी, एवं सफाई एवं खाद्य निरीक्षक आनंद कुमार एन एल कुशवाह,सफाई नायक मुस्तेहसन, राम रूप नगरपालिका की टीम वृक्षारोपण करती हुई ।
हरिशंकरी पीपल, बरगद व पाकड़ के सम्मिलित रोपण को हरिशंकरी कहते हैं । हरिशंकरी का अर्थ – विष्णु और शंकर की छायावली हिंदू मान्यता में पीपल को विष्णु तथा बरगद को शंकर का स्वरूप माना जाता है। मत्स्य पुराण के अनुसार पार्वती जी के श्राप -वश विष्णु- पीपल, शंकर बरगद व ब्रह्मा – पालश वृक्ष बन गए । पौराणिक मान्यता में पाकड़ वनस्पति जगत का अधिपति व नायक है व श्रेष्ठ छाया वृक्ष है। इस प्रकार हरिशंकरी की स्थापना एक परम पुण्य व श्रेष्ठ परोपकारी कार्य है । हरिशंकरी का रोपण बलिया, गाजीपुर व मऊ आसपास के जनपदों में विशेष रूप से किया जाता है | हरि शंकर जी के तीनों वृक्षों को एक स्थान पर इस प्रकार रोपित किया जाता है कि तीनों वृक्षों का संयुक्त छत्र विकसित हो व तीनों वृक्षों के तने विकसित होने पर एक तने के रूप में दिखाई दें । महत्व जीवो का आश्रय – हरी शंकरी में तमाम पशु पक्षियों व जीव जंतुओं को आश्रय व खाने को फल मिलता है, अतः हरि शंकरी के रोपण, पोषण व रक्षा करने वाले को जीव जंतुओं का आशीर्वाद मिलता है, इस पुण्य फल की बराबरी कोई भी दान नहीं कर सकता। अमूल्य छाया भी मिलती है हरी शंकरी कभी भी फूल पत्ती रहित नहीं होती, वर्ष भर इसके नीचे छाया बने रहने से पथिकों,विश्रातो व साधीकों को छाया मिलती है।

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