नई दिल्ली, ब्रेन ट्यूमर दिमाग में होने वाली एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है। ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है। साल 2000 में सबसे पहले जर्मनी में जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन ने इस दिन की शुरुआत की थी। इस साल की थीम है- टूगेदर वी आर स्ट्रॉन्गर।
क्या होता है ब्रेन ट्यूमर?
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण मस्तिष्क के उस हिस्से पर निर्भर करते हैं, जहां कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ रही होती हैं। आसान शब्दों में कहें तो यह एक ऐसा डिसऑर्डर है, जिसमें ब्रेन सेल्स असामान्य रूप से बढ़ने या मल्टीप्लाई होने लगते हैं। ट्यूमर का आकार बढ़ने के साथ-साथ यह समस्या गंभीर होती जाती है। इस बीमारी का जितनी जल्दी पता चला जाए, उतना ही अच्छा है। समय रहते इसका इलाज होना आवश्यक है क्योंकि यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
ये हैं इसके लक्षण
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण, ट्यूमर के स्थान और आकार पर निर्भर करते हैं। ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत में लोगों को ऐसी दिक्कतें हो सकती हैं, जिन्हें आमतौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन लंबे समय तक ये समस्याएं बनी रहती हैं, तो इस बारे में तुरंत किसी डॉक्टर से परामर्श ले लेना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर शुरुआत में ही सामान्य संकेतों पर ध्यान दिया जाए, तो समय पर इस गंभीर बीमारी की पहचान की जा सकती है और मरीज को इलाज भी दिया जा सकता है। ये हैं शुरुआती लक्षण –
सिरदर्द के साथ-साथ उल्टी आना
– धुंधली दिखना
– थकान और कमजोरी महसूस करना
– मानसिक रूप से स्थिर ना होना
– सुनने, स्वाद लेने या सूंघने की क्षमता में कमी होना
– बार-बार चक्कर आना और बेहोशी की सम्सया
ब्रेन ट्यूमर का इलाज और बचाव
यूं तो ब्रेन ट्यूमर से बचाव के लिए ऐसे कारगर उपाय नहीं हैं, लेकिन धूम्रपान और अत्याधिक रेडिएशन जैसे पर्यावरणीय खतरों से बचकर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है। ब्रेन ट्यूमर दिमाग के किस हिस्से में है और इसका आकार कितना बड़ा है, इसके आधार पर ही इलाज शुरू किया जाता है। दवाइयां, सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी के माध्यम से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है। कई मामलों में डॉक्टर्स सर्जरी के माध्यम से ट्यूमर निकाल देने की सलाह भी देते हैं।