फतेहपुर। बीते अप्रैल माह से शुरू हुए गर्मी का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। जैसे-जैसे दिन आगे की ओर बढ़ रहे हैं गर्मी का रिकार्ड भी बढ़ता ही जा रहा है। जून माह की शुरूआत के साथ ही चिलचिलाती धूप ने सभी का चैन व सुकून छीन लिया है। शुक्रवार को भी पारा अधिकतम तापमान 45 डिग्री के पार रहा। जिससे लोग पसीने से तर-बतर रहे। जरूरी कामों से निकलने वाले लोग सड़कों पर दिखाई दिए। वह भी अपने आपको पूरी तरह कपड़ों से ढके रहे। पूरा दिन मार्गों पर सन्नाटे जैसा माहौल रहा। देर शाम सूरज ढलने के बाद ही सड़कों पर चहल-कदमी दिखाई दी। भीषण गर्मी में सबसे अधिक लोगों को बिजली व पानी की दरकार रही। दोनों ने ही जनता को खूब छकाने का काम किया।
गर्मी के मौसम में गर्मी पड़ना तो लाजमी है लेकिन जब गर्मी हद से ज्यादा हो जाए तो लोगों को अखरने लगती है। जून माह की शुरूआत के साथ ही गर्मी के तेवर भयानक हो गए हैं। सुबह सात बजते ही सूर्य देवता आग उगलना शुरू कर देते हैं। सूर्य देवता के गुस्से से लोगों का बच पाना बेहद मुश्किल है। अब लोगों के मुख से बस यही निकल रहा है कि हे सूर्य देवता अब बस करो। कुछ तो लोगों को राहत देने का काम करो लेकिन मौसम वैज्ञानिकों की माने तो अभी कुछ दिनों तक मौसम में बेहद गर्मी रहेगी। गर्मी के कारण लोगों की दिनचर्चा भी बेहद प्रभावित हो गई है। जरूरी कामों के चलते ही लोग डरते हुए सड़कों पर निकल रहे हैं। वह भी अपने आपको पूरी तरह कपड़ों से ढके रहते हैं। भीषण गर्मी के कारण पूरा दिन मार्गों पर सन्नाटा पसरा रहता है। बाजारों में दिन के समय तो कोई रौनक ही देखने को नहीं मिल रही है। व्यापारी भी अपने प्रतिष्ठानों के आधे शटर गिराकर कूलर व एसी की हवा खाते हुए दिखाई दे रहे हैं। शाम के वक्त ही मार्गों पर चहल कदमी देखी जा रही है। प्रचंड गर्मी में सबसे अधिक नन्हे मुन्ने बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रतिदिन नई-नई बीमारियां भी जन्म ले रही हैं। जिला चिकित्सालय से लेकर प्राइवेट नर्सिंग होमों तक मरीजों की लंबी-लंबी लाइनें प्रतिदिन लग रही हैं। गर्मी के कहर से अवाम तो हायतौबा कर रही है साथ ही इसका असर पशु-पक्षियों पर भी दिखाई दे रहा है। तालाबों व पोखरों में पानी न होने के चलते पशु-पक्षी पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। पानी की तलाश में लंबी उड़ान भरने के कारण इस भीषण गर्मी में कई पक्षी तो मौत के आगोश में भी चले गये हैं।