अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे के हालात ये हैं कि यहां लोगों को अपने परिवारों के लिए खाने का इंतजाम करने में भी संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार यूक्रेन-रूस युद्ध की शुरुआत के बाद से जिम्बाब्वे की मुद्रास्फीति बढ़कर 130 प्रतिशत से अधिक हो गई है। देश में महंगाई का यह ऐतिहासिक स्तर है।
स बीच, देश में इंटरनेट पर यह अफवाह फैल गई कि जिम्बाब्वे में कैश के लिए लोग अपने पैर की उंगलियों को बेच रहे हैं। यह झूठी रिपोर्ट इतनी फैल गई कि देश के सूचना मंत्रालय के मंत्री काइंडनेस पारादजा ने जांच के आदेश दिए। जांच के बाद इस अफवाह को खारिज कर दिया गया है। जिम्बाब्वे की सरकारी मीडिया के मुताबिक स्थानीय पुलिस ने यह अफवाह फैलाने के आरोप में एक रेहड़ी-पटरी वाले को गिरफ्तार किया है।
हालांकि, यह बात सच है कि जिम्बाब्वे के लोगों के लिए बुनियादी जरूरतों को पूरा करना भी कठिन होता जा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार यूक्रेन-रूस युद्ध की शुरुआत के बाद से जिम्बाब्वे की मुद्रास्फीति दर 66 प्रतिशत से बढ़कर 130 प्रतिशत से अधिक हो गई है।