उमस ने की हालत खराब, विकराल हो रही स्थिति – बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे लोग, मार्गों पर दिन में रहता सन्नाटा
फतेहपुर। प्रचंड गर्मी का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। उमस ने लोगोें की हालत खराब कर रखी है। गर्मी इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षियों के लिए भी जानलेवा साबित हो रही है। बारिश न होने के कारण स्थिति और भी विकराल होती जा रही है। तापमान बढने से लोग बीमारियों की गिरफ्त में भी आ रहे हैं। गर्मी का यह आलम है कि 12 बजते-बजते सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है। रेलवे स्टेशन में यात्रियों को पानी के लिए मारामारी करते देखा जा सकता है।
सोमवार को सुबह से ही उमस का असर लोगों को बेहाल किए रहा। सारा दिन पसीना बहाते लोगों की हालत खस्ता रही। भीषण उमस भरी गर्मी के कारण लोगों को रोजमर्रा के काम निपटने में भी राम से काम पड़ रहा है। मानसून की लेट लतीफी अब लोगों को अखर रही है। सुबह से ही हवा के रूख में आए बदलाव के कारण उमस भरी गर्मी ने लोगों को परेशान कर रखा था। आलम ऐसा कि दिन के 9 बजे से आसमान से आग बरसने लगी। ऊपर से पूर्वा हवा ने उमस बढ़ा दीं। दोपहर होते-होते पारा लोगों को छकाने लगा। जिससे लोग बुरी तरह परेशान हो गए। सड़कों पर पसरा सन्नाटा गर्मी की इंतहा को बयां करता रहा। घरों मे गर्मी से बचने के उपाय के लिए लगे कूलर-पंखे भी राहत नहीं दे पा रहे। आए दिन की लोकल फाल्टों ने लोगों को इस कदर परेशान कर रखा है कि रोजमर्रा के कामकाज भी भारी पड़ रहे हैं। आवश्यक कार्यों से घरों से बाहर निकलने वाले तेज धूप से बचने के लिए सिर व मुंह को अंगौछे से बांधकर निकलना मजबूरी बना हुआ है। उमस भरी गर्मी से बच्चों को सबसे अधिक दिक्कत है। ग्रामीण क्षेत्रों मंे बिजली की आंख मिचौली और कटौती ने लोगों का सुख चैन छीन लिया है। मौसम की तल्खी और गर्म हवाओं के थपेड़ों के चलते दोपहर में सड़कों की हलचल थम सी जाती है। पुरवई चलने के कारण बढ़ी गर्मी व उमस के चलते जनजीवन बेहाल रहा लेकिन मौसम के जानकार स्थानीय लोगों ने मौसम मे आए इस बदलाव को गर्मी से जल्द निजात मिलने का संकेत बताया है। फिलहाल लोग सूरज की तपन और गर्म हवाओ से पशु-पक्षी भी झुलसने को विवश हैं। जहां पानी नजर आता है वहीं पशु गर्मी से बचने के लिए घुस जाते हैं। आलम यह है कि अब प्रचंड गर्मी लोगों के जी का जंजाल साबित हो रही है। मानसून की लेट लतीफी बनी रही तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है। फिलहाल जिस तरह से गर्मी का कहर टूट रहा है उससे लोग अब यही कह रहे हैं बारिश हो जाये तो कुछ राहत मिले लेकिन बेरहम हो चुकी गर्मी किसी भी तरह से रहम करने को तैयार नहीं है।