लखनऊ। यूपी में तीन करोड़ बिजली जलाने वालों को झटका लग सकता है। उत्तर प्रदेश नियामक आयोग में बिजली की दरों को लेकर 21 जून से सुनवाई होने वाली है। इसमें बिजली कंपनियां दर बढ़ाने की मांग कर रही हैं। उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का दावा है कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 22 हजार 45 करोड़ रुपए निकल रहा है। ऐसे में अगले पांच साल तक हर साल सात फीसदी बिजली दर कम करनी चाहिए। आयोग का कहना है कि आमदनी और खर्च में 6,762 करोड़ रुपए का अंतर है। ऐसे में बिजली दर नहीं बढ़ाई गई, तो बिजली घाटा बढ़ेगा।