चालीस साल पुराने शिक्षा के मंदिर में प्रशासन का चला बुलडोजर – सन 1984-85 में मिली थी जूनियर हाईस्कूल की मान्यता – आबादी की जमीन में बना था मडौली स्कूल
खागा-फतेहपुर। विजयीपुर क्षेत्र के मडौली गांव में करीब 40 वर्ष पहले आबादी की जमीन पर बना जनता जूनियर हाईस्कूल मंडौली को प्रशासन ने बुधवार भारी पुलिस बल के साथ बुलडोजर से जमींदोज कर जमीन को ग्राम पंचायत को सौंप दिया।
विजयीपुर क्षेत्र के मडौली गांव में करीब सन-1970 के आसपास क्षेत्र के युवाओं को शिक्षित बनाने के लिए गांव के विजयपाल सिंह ने आबादी की जमीन में एक विद्यालय का संचालन शुरू किया था जिसमें बच्चों की संख्या अधिक हुई तो सन-1984-85 में जनता जूनियर हाईस्कूल मंडौली के नाम की मान्यता मिल गई। जो क्षेत्र का इकलौता जूनियर कॉलेज था। जिसमें हजारों की संख्या में बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। जिसके बाद करीब 2001 में दस्यु उमर केवट ने विद्यालय पर कब्जा कर लिया था। जिन्होंने करीब पांच वर्ष तक विद्यालय का संचालन किया फिर दस्यु उमर केवट की मौत के बाद इस विद्यालय को पहाड़पुर के पूर्व प्रधान सदाशिव यादव ने खरीद लिया। जिस पर आसपास कुछ और भूमि खरीदकर सदाशिव यादव ने उस विद्यालय को इंटर कॉलेज का रूप दे दिया था। जिसे 2014-15 में इंटर की मान्यता मिल गई थी जिसमें आज भी काफी बच्चे पढ़ रहे हैं। योगी सरकार के आते ही आबादी जमीन से कब्जा मुक्त अभियान चलते ही गांव के लोगों ने आबादी में विद्यालय बना होने की शिकायत कर दी। जिस पर अदालत ने बीते दिन ग्राम समाज की जमीन को खाली कराने का आदेश दिया था। जिस पर प्रशासन ने बुधवार भारी पुलिस बल के साथ राजस्व टीम ने बुलडोजर चलवा कर जनता जूनियर हाईस्कूल मडौली के भवन को जमींदोज कर दिया और ग्राम पंचायत की जमीन को खाली कर ग्राम पंचायत को सौंप दिया। इस मौके पर थरियांव सीओ प्रगति यादव, किशनपुर थानाध्यक्ष संजय तिवारी, असोथर थानाध्यक्ष नीरज यादव, धाता थानाध्यक्ष आशुतोष सिंह के अलावा एक कंपनी पीएसी व तहसीलदार अपनी पूरी राजस्व टीम के साथ मौजूद रहे।
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बिना सूचना दिए ढहाया गया विद्यालय
खागा-फतेहपुर। विद्यालय के प्रबंधक सदाशिव यादव ने बताया कि यह विद्यालय 40 वर्ष पुराना बना था। जिसमें शिकायत के बाद अदालत ने बेदखली का आदेश दिया था। जिस पर हमने आपत्ति जताते हुए अपना पक्ष रखने की मांग की थी। जिस पर न्यायालय ने आगामी 27 जून को अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया था। तहसील प्रशासन ने हमारा पक्ष सुनने से पहले तानाशाही तरीके से जूनियर विद्यालय के भवन को ढहा दिया।