जुमे की नमाज से पहले ड्रोन से निगरानी, पुलिस का फुट मार्च, शांति-व्यवस्था के लिए धर्म-गुरुओं से संवाद की सलाह
प्रदेश में शुक्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए शांति व्यवस्था हर हाल में बनाए रखने और गड़बड़ी करने वालों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए संवेदनशील स्थानों पर वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। सभी जिलों में पुलिस द्वारा फुट पेट्रोलिंग व अर्द्ध सैनिक बलों द्वारा फ्लैग मार्च किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि प्रदेश भर में कड़ी सतर्कता बरतने और किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से कड़ाई से निपटने के निर्देश दिए गए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों से भी कहा गया है कि वह खुद संवेदनशील स्थानों का भ्रमण करें और यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी शांति व्यवस्था भंग न होने पाए।
ड्रोन से खोजकर छतों पर रखे ईंट-पत्थर हटवाए
बृहस्पतिवार को सरायमीर कस्बे में एसडीएम निजामाबाद रवि कुमार के नेतृत्व में ड्रोन की मदद से छतों पर रखे ईंट-पत्थर की निगरानी की गई। जहां कहीं भी छतों पर ईंट-पत्थर रखे देखे गए, उसे तत्काल हटवाने का निर्देश दिया गया
एसडीएम के नेतृत्व में सुबह सात बजे से 10 बजे तक ड्रोन कैमरे के जरिए कस्बे व आसपास के मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में निगरानी की गई। इस दौरान ड्रोन कैमरा द्वारा ली गई तस्वीर में कई घरों की छतों पर ईंट-पत्थर की लोकेशन मिली जिसके आधार पर एसडीएम रवि कुमार, ईओ रंग बहादुर सिंह, थानाध्यक्ष विवेक कुमार पांडेय पुलिस बल एवं सीमा सुरक्षा बल के जवानों के साथ उन घरों पर जा धमके और गृह स्वामियों को तत्काल छतों से ईंट-पत्थर हटवाने का निर्देश दिया।
एसडीएम के निर्देश पर तत्कल गृहस्वामियों ने छतों पर रखे ईंट-पत्थर को हटवाया। एसओ विवेक कुमार पांडेय ने कस्बेवासियों से कहा कि किसी की छत पर कोई भी ईंट-पत्थर नहीं होना चाहिए। दोबारा ड्रोन कैमरा चलने पर अगर कहीं किसी के घर की छत पर ईंट-पत्थर पाया गया, तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ड्रोन से निगरानी, अटाला बना छावनी
प्रयागराज के अटाला में पिछले हफ्ते हुए बवाल को देखते हुए इस बार व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। अटाला समेत खुल्दाबाद व करेली सहित आसपास के इलाकों में ड्रोन से निगरानी शुरू कर दी गई है। उधर सुरक्षा की दृष्टि से पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। 10 हजार जवान पूरे क्षेत्र में तैनात किए गए हैं। इनमें पुलिस के साथ ही आरएएफ, पीएसी के जवानों को भी मुस्तैद किया गया है। आला अफसर बृहस्पतिवार को दिन भर पूरे क्षेत्र का भ्रमण करते रहे। उधर शाम को फोर्स ने करीब दो घंटे तक पूरे इलाके में फ्लैग मार्च किया।
पांच गुना ज्यादा फोर्स की तैनाती
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस बार लगभग पांच गुना ज्यादा फोर्स की तैनाती की गई है। हालांकि इस बारे में अफसर कुछ स्पष्ट बोलने को तैयार नहीं हुए। लेकिन उनका कहना है कि पिछले जुमे के मुकाबले इस बार कई गुना ज्यादा फोर्स तैनात की गई है। उधर सूत्रों का कहना है कि पिछली बार पीएसी के 500, आरएएफ के 200, जिला पुलिस के 1000 और 300 होमगार्डों समेत करीब दो हजार जवानों को लगाया गया था। लेकिन इस बार 10 हजार से ज्यादा जवानों को सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है।
200 अतिरिक्त कैमरे, 24 घंटे निगरानी
पुलिस अफसरों का कहना है कि अटाला और आसपास के इलाकों की सतत निगरानी के लिए सर्विलांस सिस्टम को और मजबूत किया गया है। इसके तहत संवेदनशील स्थानों पर 200 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इन सभी कैमरों को पहले से ही लगे सर्विलांस कैमरों की तरह ही इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर(आईट्रिपलसी)से कनेक्ट किया गया है। कैमरों से मिलने वाली लाइव फीड की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। इसके लिए आईट्रिपलसी में तीन शिफ्टों में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
चार ड्रोन कैमरों से छतों पर भी निगरानी
जवानों की तैनाती व सर्विलांस सिस्टम को पुख्ता करने के क्रम में ही एक दिन पहले से ही पूरे क्षेत्र की ड्रोन कैमरों से निगरानी शुरू कर दी गई है। पुलिस अफसरों ने बताया कि अटाला, नूरुल्लाह रोड समेत आसपास के इलाकों पर नजर रखने के लिए कुल चार ड्रोन कैमरों की व्यवस्था की गई है। इनसे मिलने वाली फीड की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। संदिग्ध गतिविधि दिखने पर रिकॉर्डिंग भी सुरक्षित रखी जा रही है।
सुरक्षा संबंधी सभी प्रबंध कर लिए गए हैं। मैं और आलाधिकारी लगातार क्षेत्र पर नजर बनाए हुए हैं। सभी से अपील है कि शांति और सौहार्द्र का माहौल कायम रखें। कहीं भी कोई माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेगा तो सख्ती से निपटा जाएगा।
उपद्रवियों से निपटने को मंगाए गए मल्टीसेल लांचर
प्रयागराज में जुमे पर अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए इस बार सुरक्षा दस्तों की ओर से विशेष इंतजाम किए गए हैं। उपद्रवियों से निपटने के लिए अत्याधुनिक असलहों के साथ ही इस बार पुलिस व आरएएफ के जवानों को मल्टीसेल लांचर दिए गए हैं। इसकी विशेषता यह है कि इससे एक बार में रबर बुलेट, आंसू गैस के छह गोले दागे जा सकते हैं। अफसरों का कहना है कि अप्रिय स्थिति में यह उपद्रवियों को नियंत्रित करने में बेहद कारगर होगी।
पिछली बार मल्टीसेल लांचर न होने की वजह से जवानों को उपद्रवियों पर लगाम पाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। आरएएफ व पुलिस के कई जवान मौकेपर इस दिक्कत को अफसरों से बयां करते भी देखे व सुने गए थे। दरअसल उपद्रवियों की संख्या बढ़ने के साथ ही कई बार ऐसी स्थिति देखने को मिली थी जब पत्थरबाज हमला करते हुए पुलिस को पीछे धकेल दे रहे थे। इस दौरान उन्हें नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए लेकिन लगातार फायर की सुविधा न होने केचलते उप्रदवियों को नियंत्रित करने में दिक्कत हुई। इसी को देखते हुए इस बार विशेष रूप से मल्टीसेल लांचर मंगवाया गया है। इससे एक बार में मल्टी फायर दागने की सुविधा मिलेगी। जिससे उपद्रव की स्थिति में बलवाइयों पर नियंत्रण पाना आसान होगा।