साइबर जालसाजों ने नकली क्रिप्टो एक्सचेंजों के जरिए भारतीय निवेशकों को 128 मिलियन डॉलर (लगभग एक हजार करोड़ रुपये) से अधिक की चपत लगा दी है। इसका खुलासा मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में किया गया है। साइबर-सुरक्षा कंपनी क्लाउड एसईके ने यह रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट के अनुसार क्रिप्टो घोटालों की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया है। इन मामलों में नकली डोमेन के जरिए बिल्कुल असली जैसी वेबसाइट बनाई जाती है। इसके बाद क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए आमंत्रित किया जाता है। कंपनी ने कई फिशिंग डोमेन और एंड्रॉइड-आधारित नकली क्रिप्टो एप्लिकेशन का खुलासा किया है। कंपनी से एक पीड़ित ने संपर्क किया था, जिसने नकली क्रिप्टो एक्सचेंज में करीब 50 लाख रुपये (64,000 डॉलर) गंवाए थे। इसी तरह मुंबई के मालाबार हिल के एक निवेशक को ठगों ने 1.57 करोड़ की चपत लगाई थी। ऐसे घोटाले भारत तक ही सीमित नहीं हैं। पिछले हफ्ते 17 जून को अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने खुलासा किया कि घोटालेबाज ठगी के लिए कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। अमेरिका में इस तरह के घोटालों से कई निवेशकों को प्रति व्यक्ति 12.5 करोड़ रुपये (1.6 मिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ है।
ऐसे फंसाते हैं जाल में
साइबर ठग विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर क्रिप्टो विशेषज्ञ बनकर निवेशकों को मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर अपने अकाउंट या चैनल से जोड़ लेते हैं। वे कुछ दिन असली क्रिप्टो एक्सचेंज पर कुछ टिप्स भी देते हैं। जब निवेशकों को भरोसा हो जाता है तो जालसाज उन्हें अन्य क्रिप्टो एक्सचेंज पर शिफ्ट होने के लिए कहते हैं। यह नकली एक्सचेंज होता है। झांसा देने के लिए उपहार के तौर पर 100 डॉलर निवेशक के खाते में डाले जाते हैं। जब निवेशक अपने खाते में क्रिप्टो करंसी ट्रांसफर या मोटा पैसा जमा कराता है तो जालसाज उसके अकाउंट को सीज कर देते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
– किसी भी योजना, कंपनी या एक्सचेंज में निवेश से पहले खुद गहन रिसर्च करें। – वेबसाइट की विश्वसयनीयता भी जांचें
– सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी भी व्यक्ति या ग्रुप की निवेश सलाह से बचें