एक लाख रुपये प्रति किलो बिकी असम की ये चाय, जानें क्या है खासियत

 

भारत में अधिकांश परिवारों के दी की शुरुआत एक कप चाय के साथ होती है। यही वजह है कि यह हमारे जीवन का हिस्सा बन गया है। चौराहों की चर्चा से लेकर बड़ी-बड़ी मीटिंग में भी जो एक चीज हर जगह है वो है चाय। लेकिन क्या इस चाय का लिए कोई एक लाख रुपये भी खर्च करने को तैयार है? भले ही आपको यह आश्चर्यजनक लग रहा हो, लेकिन यह सच है कि चाय का मुरीद लोग लाख रुपये भी खर्च के लिए तैयार हैं। असम (Assam) के गोलाघाट जिले की दुर्लभ किस्म की जैविक चाय पाभोजन गोल्ड टी को जोरहाट के एक नीलामी केंद्र में एक लाख रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिकी, जो इस साल की सबसे अधिक कीमत है। जोरहाट चाय नीलामी केन्द्र (जेटीएसी) के एक अधिकारी ने कहा कि पाभोजन ऑर्गेनिक टी एस्टेट द्वारा बेची गई चाय को असम स्थित चाय ब्रांड एसा टी ने खरीदा था।

क्या है खासियत?

 

पभोजन गोल्ड टी एक स्वादिष्ट होने के साथ एक चमकदार पीला पेय है और इसे चाय के बागानों से चाय की दूसरी खेप के चुनिंदा उपरी पत्तों को तोड़कर बनाया जाता है। ये पत्तियां बाद में सुनहरे रंग की हो जाती हैं और पेय में एक बेहतरीन रंग आ जाता है। एसा टी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, बिजित सरमा ने कहा कि चाय की यह किस्म उन्हें अपने ग्राहकों को, असम के बेहतरीन चाय मिश्रणों में से एक को उपलब्ध कराने में मदद करेगी।

 

यह चाय की किस्म दुर्लभ है और चाय के पारखी लोगों के लिए, यह इस एक कप का एक अलग अनुभव है। हमारे ग्राहक दुनिया भर में फैले हुए हैं और वे इस किस्म के स्वाद और मूल्य को समझेंगे। हमें खुशी है कि हम उन्हें असली असम चाय के स्वाद प्रदान करने के अपने मिशन को जारी रखने में सक्षम हैं।” पाभोजन ऑर्गेनिक टी एस्टेट की मालिक राखी दत्ता सैकिया ने कहा कि हमने इस दुर्लभ किस्म की चाय का केवल एक किलो उत्पादन किया और इसके लिए मिले नई रिकॉर्ड-तोड़ कीमत से खुश हैं जिसने इतिहास रच दिया है। उसने जो कीमत हासिल की वह कुछ ऐसी है जो असम चाय उद्योग को अपनी खोई हुई प्रसिद्धि वापस पाने में मदद करेगी।

 

 

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