देश के और बड़े बैंक घोटाले (Bank Scam) का पर्दाफाश हुआ है. यह घोटाला 34 हजार करोड़ रुपयों से भी ज्यादा का है. सीबीआई (CBI) ने इस मामले में घोटाला करने वाली कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) और उसके सहयोगियों पर विभिन्न आपराधिक धाराओं (Criminal Sections) के तहत मुकदमा दर्जकर आज देश भर में एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान अनेक आपत्तिजनक (Objectional) और महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए हैं. देर शाम तक छापेमारी का दौर जारी था. इसके पहले सबसे बड़े घोटाले के तौर पर 22 हजार करोड़ का बैंक घोटाला सामने आया था.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक सीबीआई को इस मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी जनरल मैनेजर विपिन कुमार शुक्ला ने लिखित शिकायत दी थी. इस शिकायत में कहा गया था कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कार्पोरेशन लिमिटेड और उसकी सहयोगी कंपनियों और सहयोगियों ने 17 बैंकों के समूह का नेतृत्व कर रहे यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 34 हजार 615 करोड़ रुपए का चूना लगाया है. यह चूना साल 2010 से साल 2019 के बीच लगाया गया.
42 हजार करोड़ से ज्यादा का लोन
सीबीआई को दी गई शिकायत में कहा गया था कि डीएचएफएल कंपनी काफी पुराने समय से बैंकों से क्रेडिट सुविधाएं लेती रही है. यह कंपनी अनेक क्षेत्रों में काम करती है. इस कंपनी ने 17 बैंकों के समूह से जिसमें बैंक ऑफ बड़ौदा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बैंक ऑफ महाराष्ट्र आईडीबीआई यूको बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक पंजाब एंड सिंध बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसे बैंकों से दिल्ली मुंबई अहमदाबाद कोलकाता कोचीन आदि जगहों पर क्रेडिट सुविधा ली. आरोप है कि इस कंपनी ने बैंकों से कुल 42 हजार करोड़ से ज्यादा का लोन लिया, लेकिन उसमें से 34 615 हजार करोड़ रुपए का लोन वापस नहीं किया साथ ही उनका एक खाता 31 जुलाई 2020 को एनपीए हो गया.
अकाउंट बुक में किया गया फर्जीवाड़ा
आरोप है कि इस कंपनी ने बैंक से जिस काम का पैसा लिया था उस काम में नहीं लगाया जो फंड बैंकों से लिया जाता था वह एक महीने के थोड़े समय के भीतर ही दूसरी कंपनियों में भेज दिया जाता था. जांच के दौरान यह भी पाया गया कि लोन का पैसा सुधाकर शेट्टी नाम की एक शख्स की कंपनियों में भी भेजा गया साथ ही यह पैसा दूसरी कंपनियों के ज्वाइंट वेंचर में लगाया गया. यह भी पता चला है कि लोन का पैसा 65 से ज्यादा कंपनियों में भेजा गया इसके लिए बाकायदा अकाउंट बुक में फर्जीवाड़ा किया गया. सीबीआई ने इस मामले में दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड उसके निदेशक कपिल वधावन धीरज वधावन एक अन्य व्यक्ति सुधाकर शेट्टी अन्य कंपनियों गुलमर्ग रिलेटेर्स, स्काईलार्क बिल्डकॉन दर्शन डेवलपर्स, टाउनशिप डेवलपर्स समेत कुल 13 लोगों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया.
सीबीआई को कंपनी के कर्मचारियों पर शक
एफआईआर (FIR) में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है. सीबीआई (CBI) के एक आला अधिकारी ने बताया कि बैंक (Bank) ने आरंभिक बयान में कहा है कि उनका कोई कर्मचारी (Employ) इस घोटाले (Scam) में फिलहाल शामिल नहीं पाया गया है लेकिन सीबीआई को शक है कि इतना बड़ा घोटाला (Scam) बिना बैंक कर्मियों की मिलीभगत के नहीं हो सकता लिहाजा उनकी भूमिका की जांच भी की जा रही है. सीबीआई ने इस मामले में आज मुंबई समेत अनेक शहरों की एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की. देर शाम तक चली छापेमारी के दौरान अनेक आपत्तिजनक (Objectional) और महत्वपूर्ण दस्तावेज (Important Documents) तथा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (Electronic Device) बरामद किए गए हैं देर शाम तक छापों का दौर जारी था. इस मामले में कुछ राजनेताओं की भूमिका की जांच भी की जा सकती है मामले की जांच जारी है.