लाइसेंस महज 22 को, सैकड़ों ने किया डंप – यमुना किनारे करोड़ो की बालू डंप, ताक पर रखे नियम कानून – ट्रकों से की जा रही जिला पंचायत की अवैध वसूली

खागा/फतेहपुर। मानसून ने दस्तक दे दी है। खनन कारोबारी इन दिनों डंपिंग में पूरा ध्यान लगाए हुए हैं। दिन-रात एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध डंपिंग का खेल खेलने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं। खनन माफियाओं से लेकर कारोबारियों ने हजारों घन मीटर मौरंग बालू डंप कर लिया है। क्षेत्र में ऐसी कोई भी जगह न होगी जहां बालू के बड़े-बड़े ढ़ेर न दिखाई दे रहे हों। खनन विभाग ने तहसील क्षेत्र में महज 22 लोगों को लाइसेंस दिया है लेकिन एक सैकड़ा लोगों ने बालू डंप कर रखा है। नियमानुसार देखा जाए तो खदान से डंपिंग स्थान की दूरी छह किलोमीटर होनी चाहिए लेकिन प्रशासन की निगाह इस ओर नहीं जा रही है। ऐसा लगता है कि विभाग के अधिकारियों को नियम कानून का ज्ञान ही नहीं है। विभागीय उदासीनता के चलते बालू खनन पट्टा धारक से लेकर कारोबारी अवैध तरीके से बालू का भंडारण कर रहे हैं। लोगों की माने तो डंप बालू की कीमत बारिश माह में लगभग दो गुनी हो जाती है। अभी तक बालू का दाम तीस हजार रूपये फुट चल रहा है। वहीं बारिश होने के बाद से दाम आसमान छू लेंगें। जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते बालू कारोबारी बिना लाइसेंस लिए महज चार महीने में रकम दोगुनी कर लेते हैं। बारिश के महीने में मकान आदि का निर्माण अधिक किया जाता है। जिसके चलते मौरंग की खपत बढ़ जाती है।

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