पुराने अस्पताल का नायब तहसीलदार ने किया निरीक्षण – ईओ को लगाई फटकार, कहा गुमराह करना बंद करो – शफाखाना के नाम दर्ज है पुराने अस्पताल की जमीन – नगर पंचायत के अधिशाषी अधिकारी जेसीबी लेकर पहुंचे अस्पताल
खागा/फतेहपुर। नगर के किशनपुर रोड स्थित पुराने अस्पताल का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इस अस्पताल की नगर पंचायत ने शिकायत की थी कि प्राइवेट व्यक्तियों द्वारा अस्पताल में कब्जा किया गया है। न्यायालय के आदेश पर सोमवार को स्थानांतरित उप जिलाधिकारी अजय नारायण सिंह के निर्देश पर नायब तहसीलदार वहां पहुंच गए। उन्होंने कहा कि शफाखाना में प्राइवेट लोगों द्वारा कब्जा किया गया है। उसको तत्काल प्रभाव से हटाया जाए लेकिन निरीक्षण के दौरान वहां पर किसी भी प्राइवेट व्यक्ति का कोई कब्जा नहीं था। मामले पर नायब तहसीलदार सिद्धांत सिंह ने गुमराह करने पर ईओ को जोरदार फटकार लगाई। शफाखाना की देखरेख के लिए डाक्टर अजय सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मालूम हो कि जमीदारों ने शफाखाना के नाम से अस्पताल सौ साल की लीज पर दिया था लेकिन 1904 में 100 वर्ष पूरे हो जाने के बाद अस्पताल की जमीन में दो पक्षों की ओर से न्यायालय में वाद दायर कर दिया गया। समाजवादी पार्टी की सरकार के समय में पूर्व सांसद राकेश सचान व वर्तमान में प्रदेश सरकार के मंत्री के समय महिला अस्पताल का निर्माण किया जाना था लेकिन मामला न्यायालय में विचाराधीन होने की वजह से शफाखाना में महिला अस्पताल का निर्माण नहीं हो सका और आज तक मामला न्यायालय में विचाराधीन है। अस्पताल में कब्जे को लेकर कई बार मामला जिलाधिकारियों की चौखट पर भी पहुंचा लेकिन मामला न्यायालय के चलते उसी तरह स्थगित हो जाता रहा। बीते एक महीने से इस शफाखाना की जमीन को लेकर आग फिर सुलगने लगी और इस जमीन को बंजर बताकर नगर पंचायत प्रशासन अपने कब्जे में करने के लिए पहल शुरू कर दी थी लेकिन मामला ज्यों का त्यों पडा रहा। उच्च न्यायालय के आदेश पर उप जिलाधिकारी ने नायब तहसीलदार सिद्धांत कुमार, हल्का लेखपाल शिव प्रसाद सक्सेना, कुलदीप आदि को भेजकर बताया कि प्राइवेट व्यक्तियों द्वारा कब्जा किया गया है लेकिन निरीक्षण में वहां पर पाया गया कि कोई भी प्राइवेट व्यक्ति का शफाखाना में कब्जा नहीं है। वह अस्पताल डाक्टर अजय सिंह की देखरेख में है। नायब तहसीलदार ने अस्पताल की बाउंड्री के सामने जिन दुकानदारों द्वारा दुकानें रखी गई थी उन सभी को हटाए जाने के निर्देश दिए हैं। मौके पर अधिशाषी अधिकारी लालचन्द्र मौर्य नगर पंचायत के कर्मचारियों के साथ जेसीबी लेकर मौजूद थे। वहां पर जेसीबी के माध्यम से कूड़ा करकट की सफाई भी कराई गई। नायब तहसीलदार सिद्धांत कुमार ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर शफाखाना का निरीक्षण किया गया है और यहां पर कोई भी प्राइवेट व्यक्ति द्वारा कब्जा नहीं पाया गया है। बाउंड्री के बाहर छोटे-मोटे दुकानदारों की गुमटी रखी हुई है। उनको हटाने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि मामला न्यायालय में है। न्यायालय के फैसले के बाद जो भी निर्णय आएगा अगली कार्रवाई की जाएगी।