वन विभाग की नोटिस मिलने पर डीएम की चौखट आए पीड़ित – उच्च न्यायालय से स्टे के बावजूद नोटिस भेजने की कही बात – डीएम से जांच कराकर नोटिस व आदेश निरस्त करने की उठाई मांग

फतेहपुर। खागा नगर के नई बाजार में वर्षों से रहे बाशिंदों को वन विभाग ने नोटिस भेजकर तत्काल जमीन खाली करने के आदेश दिए हैं। जबकि इस मामले में उच्च न्यायालय से स्टे हैं। स्टे के बावजूद नोटिस मिलने पर मंगलवार को बाशिंदों ने जिलाधिकारी की चौखट पर आकर एक शिकायती पत्र सौंपा। जिसमें मामले से अवगत कराते हुए जांच कराकर नोटिस व आदेश को निरस्त करने की मांग उठाई है।
जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में नई बाजार खागा के रहने वाले बाशिन्दों ने बताया कि उनके मकान चकबंदी पूर्व से गाटा संख्या 751 (पुरानी गाटा संख्या 1510) के आकार पत्र 2ए में संपूर्ण भाग आबादी दर्ज है। जो बाद में चकबंदी व गैर कानूनी तरीके से ग्राम समाज की भूमि के साथ गाटा संख्या 751 को बिना मौका मुआयना किए वन विभाग में दर्ज करा दिया गया था। इसी प्रकार गाटा संख्या 731 में भी चकबंदी से पूर्व संपूर्ण भाग आबादी था। वन विभाग ने 24 दिसंबर 2019 व 13 अप्रैल 2022 को दो नोटिसे दी थी। जिसका जवाब उन्होने वन विभाग को दिया था। वन विभाग की 24 दिसंबर 2019 की नोटिस के आधार पर उच्च न्यायालय में रिट योजित किया। जिसमें उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने अर्सा पूर्व रह रहे लोगों को स्थगनादेश दे दिया। जो आज तक प्रभावी है। जिसकी मूल प्रति वन विभाग के कार्यालय में जमा कर दी गई है। इसके बावजूद वन विभाग ने 17 जून 2022 को आदेश दिया कि अतिक्रमण वाले क्षेत्र को खाली कर दें। इस आदेश से चालीस मकान व सौ परिवार प्रभावित हो रहे हैं। वन विभाग स्टे के बावजूद नोटिसे भेज रहा है। डीएम से मांग किया कि मामले की जांच कराकर सत्यापन, नोटिस व आदेश को निरस्त करवाया जाए। इस मौके पर पुष्पा देवी, राजेंद्र सिंह, लवकुश मौर्य, रामशंकर उर्फ रामचंद्र, सरोज देवी, हीरालाल साहू, प्रभाकर सिंह, रामबली, फूल कुमारी, रानी देवी, रामू सहित तमाम बाशिंदे मौजूद रहे।

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