जिला अस्पताल में रोगियों को नहीं भ्रष्टाचार व अराजकता से निजात – प्रिंसिपल से शिकायत करने पहुंचा पीड़ित तो मिली दुत्कार

फतेहपुर। जिला अस्पताल आने वाले रोगियों व तीमारदारों को भ्रष्टाचार व अराजकता से निजात नहीं मिल रही। वार्ड हो या पैथॉलॉजी जहंा भी पीड़ित पहुंचते हैं उनका शोषण शुरू हो जाता है। मंगलवार को एक पीड़ित को पैथॉलॉजी के कर्मियों की जांच के नाम पर अवैध उगाही करने में प्रिंसिपल की दुत्कार मिली। योगी सरकार एक तरफ जनता की सस्ता और सुलभ चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराने का दंभ भरती है तो दूसरी तरह फतेहपुर जिला अस्पताल में हर तरफ भ्रष्टाचार की जडेे गहरी होती जाती जा रहीं हैं। यहां आने वाले रोगियों व उनके तीमारदारों को स्वास्थ्य मुहकमा के कर्ताधर्ताओं और दलालों की लालची निगाहों का शिकार होने का सिलसिला जारी है।
जिला अस्पताल की पैथॉलॉजी में इन दिनों खून जांच की लम्बी कतार लगती है। मंगलवार को भी कतार काफी बड़ी थी। शहर के राधानगर इलाका के धनन्जय का आरोप है कि वह अपने किशोर पुत्र को लेकर जांच की कतार पहुंचे। जब उसने जांच करने की बात कही तो ब्लड़ बैंक के अंदर मौजूद एक युवक ने उनसे एक सौ रुपये की मांग की। कहा कि अगर नहीं दोगे तो सबसे नीचे पर्चा लगेगा। पीड़ित ने देने से इंकार कर दिया तो उसका पर्चा सबसे नीचे लगा दिया गया। इस पर उसने अधिकारियों से शिकायत करने की बात कही। जवाब में कहा गया कि जाओ जिससे कहना कह दो, अब आज जांच होगी नहीं और उसका पर्चा निकाल कर वापस कर दिया गया। पीड़ित का यह भी आरोप है कि इस अभद्रता से व्यथित पीड़ित एक अन्य व्यक्ति के साथ प्रिंसिपल कक्ष पहुंचा, जहंा मौजूद प्रिंसिपल से जैसे ही उसने अवैध उगाही की शिकायत की तो उसे वहां से दुत्कार कर भगा दिया गया। भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे जिला अस्पताल के जिम्मेदार प्रमुख अधिकारी अर्थात् प्रिंसिपल की इस व्यवहार के माामले में दूरभाष के जरिये पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उनके मोबाईल की घंटी घनघनाती रही और फोन रिसीव नहीं हो सका, जिससे मामले की प्रशासनिक जानकारी नहीं हो सकी।

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